जेल से छूटे भाजपा विधायक के भाई भोलेंद्र पाल सिंह:लेने पहुंचे शुभचिंतक, गले लगाया; CM पर टिप्पणी के चलते हुई थी कार्रवाई

गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र से भाजपा विधायक महेंद्रपाल सिंह के भाई भोलेंद्र पाल सिंह शुक्रवार की रात जेल से छूट गए। CM योगी आदित्यनाथ व उनके ओएसडी के बारे में फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने के कारण उन्हें जेल भेजा गया था। भोलेंद्र को गुरुवार को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जेल से छूटने के बाद भोलेंद्र पाल सिंह रिसीव करने आए एक शुभचिंतकों से भोलेंद्र गले मिले। लगभग आधा दर्जन रिश्तेदार व शुभचिंतक भोलेंद्र पाल को लेने के लिए जेल गए थे। कोर्ट से जमानत मंजूर होने के बाद उनके परिजन व शुभचिंतक जल्द से जल्द जेल से छूटने की राह देख रहे थे। कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद रात लगभग 9 बजे वह जेल से बाहर आए। जेल जाने के बाद भोलेंद्र को गलती का एहसास
जेल जाने के बाद भोलेंद्र पाल सिंह को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने कहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ पर उन्हें पूरा भरोसा है। यही कारण है कि उनसे मिलने आ रहे सपा के प्रतिनिधि मंडल से उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया था। अभद्र टिप्पणी के मामले में उनपर 3 थानों में 7 एफआईआर दर्ज हुई थी। कोर्ट से उन्हें गुरुवार को जमानत दी गई। जानिए कौन हैं भोलेंद्र सिंह भोलेंद्र पाल सिंह, विधायक के मझले भाई हैं। 28 अगस्त की रात उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर हंगामा मचा दिया था। उन्होंने इस पोस्ट में प्रदेश के सीएम व उनके ओएसडी पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने सैंथवारों के नेता रहे स्व. केदार सिंह की प्रतिमा को चर्चित जमीन से हटाने की चर्चा के बीच यह पोस्ट की थी। 36 घंटे में दर्ज हो गए थे 7 मामले 36 घंटे के भीतर भोलेंद्र पर 7 मामले दर्ज हो गए थे। ये मामले थाना रागढ़ताल, चिलुआताल व पिपराइच में दर्ज कराए गए। टिप्पणी भाजपा के ग्रामीण विधायक को लेकर भी की गई थी। एक मामला आबकारी एक्ट के तहत लिखा गया था। आबकारी टीम को उनके ईंट भट्‌ठे से कच्ची शराब मिली थी। जिसको लेकर पिपराइच थाने में केस दर्ज कराया गया था। सपा के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से किया था इनकार
सपा का एक प्रतिनिधि मंडल जेल में भोलेंद्र पाल सिंह से मिलने आने वाला था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय की अगुवाई में यह प्रतिनिधि मंडल गठित किया गया था। सपा के दो सांसद रामभुआल निषाद और रामप्रसाद चौधरी भी इसमें शामिल रहे। लेकिन इससे पहले ही भोलेंद्र ने जेल से जेलर व डीएम को पत्र लिखकर किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया था।

Read More

Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर