जेल से छूटे इरफान सोलंकी का पहला इंटरव्यू:अतीक-मुख्तार के बाद आजम और मेरा मर्डर न हो जाए, हमेशा डर लगता था
स्वागत नहीं करोगे हमारा…! ये शब्द कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने महराजगंज जेल से रिहा होने के बाद लिखे। उन्होंने 30 सितंबर की रात 8 बजकर 39 मिनट पर यह पोस्ट X पर किया। फिर 460 किमी का सफर तय करके कानपुर रात 2.30 बजे पहुंचे। कहा- कानपुर में 14 सीटें हैं। हम सभी जीतेंगे। एक से बेगम और एक सीट से हम चुनाव लड़ेंगे। विधानसभा तो लड़ेंगे ही साथ ही लोकसभा का भी चुनाव लड़ेंगे। 34 महीने बाद जेल से बाहर आए इरफान के बयान ने यूपी की सियासी सरगर्मी बढ़ा दी। उनकी पत्नी नसीम सोलंकी सीसामऊ सीट से उपचुनाव जीतकर सपा विधायक हैं। 3 अक्टूबर को इरफान लखनऊ पहुंचे। यहां से अजमेर की दरगाह पर चादर चढ़ाने जा रहे हैं। इससे पहले दैनिक भास्कर ने इरफान से उनके जेल में बिताए दिन और आगे की रणनीति पर बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल. 34 महीनों में सबसे ज्यादा अफसोस किन बातों का रहा? इरफान. (सोचते हुए) वो दिन, जब मेरी विधायकी चली गई। बहुत अफसोस हुआ…बहुत ज्यादा। देखिए, चुनाव हार जाएं, तो आदमी को लगता कि जनता ने मेरा साथ नहीं दिया, मगर बुलंदियों पर पहुंचने के बाद एकदम से गिरा दिया जाए, तो बहुत अफसोस होता है। इसके बाद जब भैया दूज वाले दिन मेरी मां और दोनों बेटियां मुझसे मिलने आ रही थीं, तब उनका एक्सीडेंट हो गया। वो दिन, मैं कभी भूल नहीं सकता। बहुत अफसोस हुआ। इतना कि मैं बयां नहीं कर सकता। सवाल. जेल में कोई ऐसा भी दिन था, जब कुछ अच्छा लगने के बाद मायूसी मिली हो? इरफान. वो दिन बीती 9 अक्टूबर का था। मेरी पत्नी नसीम सोलंकी को सीसामऊ सीट से सपा का टिकट मिला था। उसी दिन जेल सुपरिटेंडेंट ने मुझे तन्हाई बैरक में डाल दिया। तब मुझे बहुत अफसोस हुआ था। 50 दिनों तक मैं तन्हाई बैरक में अकेले रहा। न टीवी था, न समाचार था, मुझे तो जेल के भीतर भी जेल कटवा दी गई। सवाल. जेल में कभी डर लगा? किस तरह का खौफ रहा? इरफान. बिल्कुल…कई बार मुझे डर लगा, बहुत डर लगा…। सहाबुद्दीन साहब का भी जेल में इंतकाल हुआ। अतीक साहब का भी मर्डर रमजान में हुआ, फिर मुख्तार अंसारी साहब। मौत तो किसी की कभी भी आ सकती है, देखिए जवान लोगों की मौत हो रही है। डर लगा रहता था कि ऐसा न हो कि हमारे आजम खान साहब का नंबर आ जाए। उसके बाद लगता था कि मेरा नंबर लग जाएगा। जेल में ही मर्डर कर दिया जाएगा। डर तो लगा ही रहता था। इसे ज्यादा बयां नहीं कर सकता। सवाल. आपने कहा कि मैं और बेगम दोनों अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ेंगे? इरफान. मैं बहुत जल्दी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला हूं। उसमें मेरी पत्नी और बच्चे भी आपके सामने आएंगे। उसमें हम जेल में कटी रातें भी बताएंगे और चुनाव को लेकर क्या तैयारी कर रहे, ये भी बता देंगे। ये मैं कह ही चुका हूं कि हम और बेगम अलग-अलग सीट से लड़ेंगे। विधानसभा और लोकसभा चुनाव, सब लड़ेंगे और जीतेंगे। सवाल. IPS आनंद प्रकाश तिवारी के बारे में क्या कहना है? जवाब. उन्होंने कार्रवाई की, समय-समय की बात है। अगर सही किया, तो अच्छा होगा। अगर गलत किया है, तो गलत होगा। उनके साथ भी होगा। दुनिया घूमती रहती है। हर सत्ताधारी, हर ताकतवर चढ़ता सूरज धीरे-धीरे चढ़ता है ढल जाएगा…हर आदमी का सूरज ढलता है। अब इरफान सोलंकी का पॉलिटिकल ग्राफ जानिए हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में इरफान को जमानत दी थी 5 दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में इरफान को जमानत दी थी। यह आखिरी केस था, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिली थी। अगले दिन रिहाई होनी थी, लेकिन हाईकोर्ट से दस्तावेज कानपुर जेल भेज दिए गए थे। इसके चलते उनकी रिहाई तीन दिन अटक गई। इरफान 2 दिसंबर 2022 से जेल में बंद थे। उन पर कुल 10 केस दर्ज हैं। 7 जून 2024 को कानपुर में महिला के प्लॉट पर आगजनी मामले में उन्हें 7 साल की सजा हुई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई। उपचुनाव हुआ और उनकी पत्नी नसीम विधायक बनीं। …………. यह भी पढ़ें : इरफान जेल से छूटे, अब हमारे बच्चों को खतरा, FIR कराने वाली महिला बोली- बेटे को धमकी मिलती रही, कब क्या हो जाए, पता नहीं ‘हम गरीब हैं। बच्चे जो कमाते हैं, उसी से घर चलता है। वो देर रात घर आते-जाते हैं। अब विधायक जी (इरफान सोलंकी) जेल से बाहर आ गए हैं। हमारे बच्चों के लिए खतरा बढ़ गया है, वो 20 कदम दूर ही तो रहते हैं।’ यह कहते हुए नजीर फातिमा के चेहरे पर डर दिखा। नजीर उस केस की पीड़िता हैं, जिसके चलते कानपुर के सीसामऊ से तत्कालीन सपा विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई। उन्हें 7 साल की जेल हुई। अब 34 महीने बाद वह बाहर आ गए हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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