जेल में गायत्री प्रजापति पर हमले का विरोध:प्रजापति महासभा ने राज्यपाल-मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा

बलिया कलेक्ट्रेट में बुधवार को उत्तर प्रदेशीय प्रजापति महासभा के सदस्यों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा गया। महासभा के जिलाध्यक्ष रामप्रवेश प्रजापति ने बताया कि 30 सितंबर को लखनऊ कारागार में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक हत्यारोपी अपराधी ने धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया था। महासभा ने इसे एक षड्यंत्र बताया, जिसका उद्देश्य प्रजापति को जान से मारना था। कारागार प्रशासन की तत्परता से उन्हें समय पर इलाज मिला और उनकी जान बचाई जा सकी। महासभा ने मांग की है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके परिवार को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाए। संगठन का कहना है कि प्रजापति लगभग नौ वर्षों से जेल में हैं और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। महासभा ने जांच के बाद उन्हें निर्दोष बताते हुए जमानत या पैरोल पर रिहा करने की अपील की, ताकि वे अपना उचित इलाज करा सकें। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का भी हवाला दिया जिसमें किसी भी कैदी को 10 साल से अधिक समय तक जेल में न रखने की बात कही गई है। संगठन ने आरोप लगाया कि राजनीतिक द्वेष के चलते कुछ लोगों ने षड्यंत्र रचकर गायत्री प्रजापति को झूठे आरोपों में फंसाया है। उन पर पेशेवर अपराधी से हमला कराना उनके जीवन को समाप्त करने की साजिश है, जिससे प्रजापति समाज में गहरा आक्रोश है। महासभा ने गाजीपुर जिले के कासिमाबाद थाना क्षेत्र के पाली गांव की निवासी मंशा प्रजापति की दबंगों द्वारा की गई हत्या का मामला भी उठाया। संगठन ने मंशा प्रजापति के परिवार को एक सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की। साथ ही, परिवार को जान का खतरा बताते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की भी अपील की गई। इस प्रदर्शन में महिपाल प्रजापति, बद्रीनाथ प्रजापति, सत्यप्रकाश, हीरालाल प्रजापति, कन्हैया प्रजापति, अनिल कुमार, मनोज कुमार, शिवकुमार, राम प्रसाद प्रजापति और सुरेन्द्र प्रजापति सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।

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