जिलाधिकारी वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए:महर्षि वाल्मीकि के विचारों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया
शहर के रजबन बाजार स्थित वाल्मीकि चौक पर महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह और एडीएम सिटी बृजेश सिंह सहित कई प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण भारतीय संस्कृति, सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने लोगों से महर्षि वाल्मीकि के विचारों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के तहत अखंड रामायण पाठ का भी आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने आगामी शोभा यात्रा और अन्य कार्यक्रमों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्थलों पर साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था समय पर पूरी कर ली जाए। शोभा यात्रा में महर्षि वाल्मीकि, श्री राम-लक्ष्मण, राधा-कृष्ण और भोलेनाथ की झांकियां शामिल होंगी। हिंदू धर्म में वाल्मीकि जयंती का विशेष महत्व है। यह प्रतिवर्ष आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य का पितामह कहा जाता है, जिन्होंने महाकाव्य रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में माना जाता है कि उनका जन्म ऋषि कश्यप और माता अदिति की नौवीं संतान वरुण तथा उनकी पत्नी चर्षणी के यहां हुआ था। उनके बड़े भाई ऋषि भृगु थे। कई वर्षों तक भगवान राम की साधना करते समय उनके शरीर पर दीमक लग जाने के कारण उनका नाम वाल्मीकि पड़ा।
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