जिलाधिकारी ने नगर निकायों की लापरवाही पर लगाई फटकार:साफ-सफाई, मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्यों में ढिलाई पर दिए सख्त निर्देश
सिद्धार्थनगर जिले में नगर निकायों की लापरवाही सामने आई है। जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर. ने डूडा/नगर निकाय कार्यों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्हें नगर क्षेत्र में साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण, शौचालयों की स्थिति, स्ट्रीट लाइट मरम्मत और स्कूलों के मरम्मत कार्यों में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जिलाधिकारी ने बैठक में सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जब तक शौचालयों के क्रियाशील होने, स्ट्रीट लाइट की मरम्मत और विद्यालयों के निर्माण कार्य का प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, तब तक संबंधित अधिशासी अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। यह विभागीय स्तर पर कार्यों में गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। समीक्षा के दौरान नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं की सड़कों की बदतर हालत भी सामने आई। ‘गड्ढा मुक्त अभियान’ केवल कागजों तक सीमित है। कई वॉटर एटीएम महीनों से खराब पड़े हैं और गोवंश खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं, जबकि उन्हें गोशालाओं में भेजने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके थे। इसके अतिरिक्त, रामलीला मैदान की बाउंड्री वॉल, पोखरे का सौंदर्यीकरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और मुख्यमंत्री नगर विकास योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति भी धीमी पाई गई। पात्र लाभार्थी अभी भी आवास की प्रतीक्षा कर रहे हैं और आवंटन व जियो टैगिंग का कार्य लंबित है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कराया गया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी गौरव श्रीवास्तव, परियोजना अधिकारी डूडा और सभी अधिशासी अधिकारी उपस्थित थे, जिन्हें कार्यों के प्रति जवाबदेह ठहराया गया।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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