जालौन में 173 साल से सजीव दशहरा युद्ध:राम-रावण और लक्ष्मण-मेघनाथ का अनोखा मंचन
पूरे देशभर में जहां 2 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा, वहीं जालौन जिले के कोंच नगर में यह पर्व परंपरा के अनुसार एक दिन पहले बुधवार को ही धूमधाम से मनाया गया। खास बात यह रही कि यहां दशहरा केवल पुतला दहन तक सीमित नहीं रहता, बल्कि राम-रावण और लक्ष्मण-मेघनाथ का सजीव युद्ध देखने को मिलता है। 40 फीट ऊंचे पुतलों संग सजीव युद्ध कोंच नगर के ऐतिहासिक धनु तालाब मैदान में आयोजित इस रामलीला महोत्सव की परंपरा 173 साल पुरानी है। यहां 40 फीट ऊंचे रावण और मेघनाथ के पुतलों को बड़े-बड़े रथों में बांधकर मैदान में दौड़ाया जाता है। इस दौरान स्वयं राम, लक्ष्मण और हनुमान का किरदार निभा रहे स्थानीय कलाकार उनसे युद्ध करते हैं। दृश्य कुछ ऐसा होता है मानो दर्शक टीवी पर रामानंद सागर की रामायण देख रहे हों। देशभर में जहां रावण-दहन आधुनिक तकनीक से बटन दबाकर किया जाता है, वहीं कोंच में आज भी परंपरागत तरीके से युद्ध का मंचन होता है। पुतलों को रस्सियों से खींचकर पूरे मैदान में दौड़ाया जाता है और कई बार वे गिर भी पड़ते हैं। इन्हें फिर से खड़ा किया जाता है, जिस पर दर्शक तालियों और खुशी से गूंज उठते हैं। मान्यता है कि बुराई चाहे कितनी भी तेज भागे, उसका अंत निश्चित है। लक्ष्मण पर शक्ति और संजीवनी बूटी रामलीला के दौरान लक्ष्मण पर शक्ति का लगना और हनुमान का संजीवनी बूटी लेकर आना भी सजीव मंचित किया जाता है। इसके बाद लक्ष्मण उठ खड़े होते हैं और अंततः राम-रावण का ऐतिहासिक युद्ध होता है। रिकॉर्ड में दर्ज परंपरा कोंच की यह रामलीला सिर्फ परंपरा ही नहीं बल्कि गौरव का प्रतीक भी है। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इसे मैदानी रामलीला कहा जाता है क्योंकि इसका आयोजन खुले मैदान में होता है। यहां किसी बाहरी कलाकार को नहीं बुलाया जाता, बल्कि सभी पात्र स्थानीय लोग निभाते हैं। राम-लक्ष्मण-भरत-शत्रुघ्न और सीता की भूमिकाएं छोटे-छोटे बच्चों द्वारा की जाती हैं, जिन्हें दर्शक वास्तविक भगवान मानकर श्रद्धा भाव से देखते हैं। धनु तालाब के मैदान पर न केवल युद्ध के दृश्य होते हैं बल्कि लंका, अयोध्या और अशोक वाटिका की भव्य झांकियां भी सजाई जाती हैं। इनमें माता सीता, भरत और शत्रुघ्न के सजीव दर्शन होते हैं। भीड़ और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस अद्वितीय राम-रावण युद्ध को देखने के लिए दूर-दराज़ से हजारों लोग कोंच पहुंचते हैं। इस बार भीड़ में आम लोगों के साथ-साथ माधौगढ़ विधायक मूलचंद्र निरंजन, उरई विधायक गौरीशंकर वर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता, एसडीएम कोंच ज्योति सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार वर्मा, सीओ परमेश्वर प्रसाद, प्रभारी तहसीलदार जितेंद्र कुमार पटेल समेत कई राजनीतिक हस्तियां मौजूद रहीं।स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा सजीव युद्ध उन्होंने कहीं और नहीं देखा। यही कारण है कि कोंच की रामलीला न केवल बुंदेलखंड, बल्कि पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।
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