जनता दल (यू) ने किसानों की समस्याओं पर दिया ज्ञापन:बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की भी मांग

जनता दल (यूनाइटेड) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बांदा जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों, महिलाओं और ग्रामीण उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ क्षेत्र को पृथक राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है। यह ज्ञापन संविधान की मूल भावना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के अनुरूप प्रस्तुत किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि बुंदेलखंड के किसान देश में सबसे उपेक्षित हैं। खेती की बढ़ती लागत और घटती आय के कारण वे कर्ज, सूखा, खाद-बीज की कमी, भारी बिजली बिल और बैंक के दबावों से जूझ रहे हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना, जो राहत के लिए थी, अब भय का कारण बन गई है, जिससे बैंककर्मी वसूली के नाम पर किसानों को प्रताड़ित कर रहे हैं। इससे कई किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं, जिसे संविधान के अनुच्छेद 21 में वर्णित जीवन के अधिकार का सीधा उल्लंघन बताया गया है। ग्रामीण उपभोक्ताओं पर भी बिजली विभाग ने अत्यधिक बिलों का बोझ डाल दिया है। कई गरीब परिवार, जिनकी मासिक आय 3 से 4 हजार रुपये है, 7 से 8 हजार रुपये के बिजली बिलों से त्रस्त हैं। पार्टी ने इसे केवल आर्थिक अन्याय नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना के विरुद्ध अपराध बताया है। जनता दल (यूनाइटेड) ने मांग की है कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के घरेलू बिजली बिल पूरी तरह माफ किए जाएं। साथ ही, ग्रामीण उपभोक्ताओं के बिलों में अत्यधिक वृद्धि की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
इसके अतिरिक्त, महिलाओं को योजनाओं और कृषि ऋणों में बराबरी का अधिकार देने तथा उनकी भूमिका को सशक्त बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम और प्राथमिक ऋण सुविधा तत्काल शुरू करने की मांग की गई है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि क्षेत्र के संसाधनों का दोहन तो हुआ, लेकिन विकास नहीं। पार्टी ने जिला खनिज न्यास (District Mineral Foundation) के तहत प्राप्त निधि के बुंदेलखंड में समुचित उपयोग न होने पर चिंता जताई। उसने खनिज न्यास की धनराशि के पारदर्शी उपयोग और समय-समय पर इसके ऑडिट की मांग की है।

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