छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ एक्शन की रस्मअदायगी:KGMU में जूनियर को बोला था- मुझे अच्छी लगती हो, हाथ पकड़ लिया था

KGMU में जूनियर डॉक्टर से छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर को क्वीन मैरी के ICU इंचार्ज पद से हटाकर एक्शन के नाम पर रस्मअदायगी कर दी गई। आरोपी प्रोफेसर को क्वीन मैरी से वापस उनके मूल विभाग जिरिएट्रिक मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट में भेज दिया गया है। पीड़िता डॉक्टर की तरफ से प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी। इस मामले में KGMU प्रशासन भी आरोपी प्रोफेसर को क्लीन चिट नहीं दे रहा है। हालांकि, कार्रवाई के नाम पर उन्हें वॉर्निंग देकर सिर्फ एफिडेविट जमा करने को कहा गया है। आरोपी प्रोफेसर डॉ.राधेश्याम गंगवार हैं। उन्होंने जिरिएट्रिक मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट छोड़कर महिला एवं प्रसूति विभाग (क्वीन मैरी हॉस्पिटल) का ICU इंचार्ज पद ले रखा था। अब जूनियर महिला डॉक्टर के आरोप के बाद उन्हें उनकी पुरानी जगह वापस भेज दिया गया। पहले पढ़िए पूरा मामला… घटना 17 सितंबर की है। जम्मू-कश्मीर की रेजिडेंट डॉक्टर ने एचडीयू से मरीज को ICU में शिफ्ट कराया। इसकी जानकारी ICU के अधिकारियों को देने गई। आरोप हैं कि जब वह चैंबर पहुंची तो ICU इंचार्ज ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोले- मुझे तुम अच्छी लगती हो। इससे पहले सीनियर डॉक्टर ने रेजिडेंट को फोन भी किया था। इस हरकत से रेजिडेंट डॉक्टर घबरा गई। उसने आपबीती विभाग की 5 सीनियर फैकल्टी (डॉक्टरों) को सुनाई। रेजिडेंट इंचार्ज को भी सबकुछ बताया। पीड़िता ने 19 सितंबर को क्वीन मेरी प्रशासन को पांच पेज की लिखित शिकायत की थी। विशाखा की जांच में जूनियर डॉक्टर के आरोप सही क्वीन मैरी अस्पताल में पिछले सप्ताह रेजिडेंट की ओर से छेड़खानी संबंधी शिकायत मिलने के बाद KGMU प्रशासन ने मामला विशाखा समिति को सौंपा था। विशाखा समिति ने दोनों पक्षों के साथ ही अन्य लोगों के भी बयान लिए। इसमें आरोप सही पाया गया। आरोप साबित होने के बाद KGMU प्रशासन ने प्रोफेसर को क्वीन मेरी से हटा दिया है। साथ ही लिखित चेतावनी जारी की है। इस मामले में सीनियर फैकल्टी को ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने को लेकर एफिडेविट देने को भी कहा गया है। मार्च 2021 में क्वीन मैरी में किया गया था तैनात डॉ.राधेश्याम गंगवार को जिरिएट्रिक मेंटल हेल्थ विभाग से कोविड काल के दौरान 8 मार्च 2021 को तैनात किया गया था। वो क्वीन मेरी में तभी से ICU इंचार्ज के पद पर तैनात थे। जांच में प्रोफेसर मिले दोषी, एफिडेविट जमा करने को कहा KGMU के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि विशाखा कमेटी ने जूनियर डॉक्टर के आरोपों की जांच की। डॉ. राधेश्याम गंगवार को दोषी पाया गया। जिसके आधार पर कार्रवाई हुई है। उन्हें वापस मूल विभाग में भेजा गया है। साथ ही एफिडेविट जमा करने को भी कहा गया है। एक तरह से उन्हें वॉर्निंग देकर लघु दंड दिया गया है। रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश विशाखा कमेटी की जांच रिपोर्ट को कुलपति के पास के अप्रूवल के लिए भेजा गया था। कुलपति से अनुमोदन मिलने रजिस्ट्रार की तरफ से मूल विभाग में भेजने का आदेश जारी किया। आदेश में कहा कि तत्काल प्रभाव से जिरिएट्रिक मेडिसिन विभाग में कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया है। आरोप सिद्ध होने के बाद दिया गया मिनिमम पनिशमेंट विशाखा समिति की गाइडलाइन के अनुसार, आरोप सिद्ध होने पर सबसे पहले FIR पद से हटाने, लिखित माफी, चेतावनी, पदोन्नति रोकने, वेतन वृद्धि रोकने या नौकरी से बर्खास्तगी जैसे दंड शामिल हो सकते हैं। भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में आपराधिक कार्रवाई करने संबंधी प्रावधान भी विशाखा समिति में हैं। इस मामले में KGMU प्रशासन ने सिर्फ आरोपी का तैनाती स्थल बदला है। —————- खबर ये है… KGMU की महिला डॉक्टर का प्रोफेसर ने पकड़ा हाथ : बोला- तुम मुझे अच्छी लगती हो, लखनऊ में कॉल करके परेशान करता था लखनऊ में KGMU के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीन मेरी) में महिला रेजिडेंट डॉक्टर से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। सीनियर डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं। अधिकारियों को दी शिकायत में बताया- सीनियर ने हाथ पकड़ा। बोला कि तुम मुझे अच्छी लगती हो। इससे पहले डॉक्टर उसे फोन भी करता था। (पूरी खबर पढ़िए)

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