छात्र बीच में पढ़ाई छोड़े तो फीस जब्त नहीं होगी:राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की गाइडलाइन, DIOS करेंगे सुनवाई

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत, यदि कोई छात्र कोचिंग या शैक्षणिक संस्थान से बीच में पढ़ाई छोड़ देता है,तो संस्थान पूरे पाठ्यक्रम या साल भर की फीस जब्त नहीं कर सकता। यह छात्रों के अधिकारों की रक्षा में एक अहम कदम है। एनसीडीआरसी के ये आदेश उत्तर प्रदेश शासन को भेजे गए हैं, जिसके बाद सभी जिलों को सर्कुलर जारी कर दिया गया है। जिला स्तर पर डीआईओएस या जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी इन मामलों की सुनवाई के लिए नोडल अधिकारी होंगे। इस गाइडलाइन के दायरे में उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ सभी स्कूल और कॉलेज भी शामिल हैं। एनसीडीआरसी की पीठ, जिसमें अध्यक्ष डॉ. इंदरजीत सिंह और न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर कुमार जैन शामिल थे, ने स्पष्ट किया है कि यदि छात्र ने संस्थान की सेवाओं का पूरा लाभ नहीं उठाया है, तो अग्रिम रूप से ली गई फीस को जब्त करने का अधिकार किसी भी कोचिंग सेंटर या शैक्षणिक केंद्र को नहीं है। आयोग ने यह भी कहा है कि दाखिले के समय लगाई जाने वाली ऐसी शर्तें,जिनमें बीच में कोर्स छोड़ने पर फीस न लौटाने का प्रावधान होता है, वे अमान्य और एकतरफा हैं। यदि छात्र को संस्थान की सेवाओं में कमी महसूस होती है या किसी अन्य कारण से वह कोर्स छोड़ना चाहता है, तो उसे बिना किसी आर्थिक नुकसान के ऐसा करने की अनुमति होगी। फीस का वह हिस्सा लौटाना अनिवार्य होगा,जिसका उपयोग सेवाओं के रूप में नहीं किया गया है। जिले में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, 5400 कोचिंग सेंटर, 245 कॉलेज व संस्थान तथा 590माध्यमिक विद्यालय(निजी और सरकारी दोनों) संचालित हैं। इस नई गाइडलाइन से इन सभी संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. पवन कुमार तिवारी ने बताया कि एनसीडीआरसी ने शासन को पत्र भेजा है और अभी केवल सूचना प्राप्त हुई है। विस्तृत आदेश आने के बाद ही इस संबंध में अधिक जानकारी दी जा सकेगी।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इसके पूर्ण रूप से लागू होने से छात्र-छात्राओं को निश्चित रूप से लाभ होगा।

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/R52vXey