चोर का मचा शोर, बेगुनाह की कर दी पिटाई:बोला- इतना मारा कि हाथ कांप रहा, उठना-बैठना मुश्किल; कानपुर में 300 पर FIR
कानपुर की कांशीराम कॉलोनी। यहां रात के 2 बजे शोर मचा, चोर-चोर-चोर। लोग घरों से निकले और बाहर खड़े तीन लोगों को घेर लिया। लाठी-डंडों और सरिया से मारना शुरू कर दिया। पुलिस आई और तीनों को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की।इस पर लोगों ने पुलिस पर भी लाठियां चला दीं। जैसे-तैसे पुलिस उन तीन लड़कों को लेकर चौकी पहुंची। पूछताछ हुई तो पता चला कि वो पास में ही रहते हैं। कोई चोर नहीं हैं, बल्कि चोर-चोर की अफवाहों के बीच जागकर निगरानी कर रहे थे। कानपुर में यह एक मात्र घटना नहीं है। पिछले एक हफ्ते में इस तरह की 6 से ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं। जहां चोर-चोर कहकर लोगों को पीट दिया गया। एक व्यक्ति की हालत तो ऐसी है कि वह पिछले 5 दिनों से होश में ही नहीं आया। एक व्यक्ति ऐसा है, जिसके हाथ कांप रहे। एक लड़का ऐसा, जिसके पैर में सरिया घोंप दिया गया। लगातार बढ़ती घटनाओं पर पुलिस सक्रिय हुई। साढ़े 3 सौ से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज की। 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। आखिर यह सब कैसे शुरू हुआ? इसके पीछे की वजह क्या है? जिन्हें पीटा गया, वो क्या करने गए थे? आखिर भीड़ को शक कैसे हुआ कि ये चोर हैं? दैनिक भास्कर की टीम ने इस पूरे मामले पर कानपुर में पीड़ितों से मिली। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… चोर का मचा शोर, 200 लोग सड़क पर आ गए
कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 11 किलोमीटर दूर सानिगवां इलाका पड़ता है। यहीं कांशीराम कॉलोनी बनी है। 10 हजार से ज्यादा लोग इन कॉलोनियों में रहते हैं। इन दिनों न सिर्फ इस इलाके में, बल्कि पूरे कानपुर में रात में चोर आने की अफवाह फैली है। लोग रात-रातभर घर के बाहर सड़कों पर लाठी-डंडे लेकर घूम रहे हैं। कांशीराम कॉलोनी का भी कुछ यही हाल है। पिछले एक महीने से लोग रातों में जागकर पहरा दे रहे थे। 14 सितंबर की रात करीब 1 बजे हल्ला हुआ कि चोर आ गया। कॉलोनी के लोग घर के बाहर निकलकर चौराहे पर आ गए। कॉलोनी से करीब 300 मीटर दूर केडीए कॉलोनी के शिवा सिंह चौहान भी अपने भांजे और एक शिष्य के साथ मौके पर पहुंच गए। लोगों को लगा कि शिवा ही चोर है। उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। मौके पर करीब 200 लोग थे। जिसे जो कुछ मिला, उसी से पीटना शुरू कर दिया। उसी दौरान पुलिस आ गई। पुलिस ने तीनों को अपने कब्जे में किया, लेकिन पीटने वाले नहीं रुके। पिटाई के इस क्रम में कई डंडे तो पुलिसवालों को भी लगे। पुलिस जैसे-तैसे तीनों को लेकर चौकी पहुंची। शोर मचने पर पहुंचा, तो लोगों ने मुझे ही चोर समझा
जिस जगह पर मारपीट हुई थी, वहां से करीब 400 मीटर दूर शिवा सिंह चौहान किराए के मकान में रहते हैं। हम वहीं पहुंचे। शिवा सबसे पहले अपने बारे में बताते हैं। कहते हैं- मैं यहां करीब 3 महीने से किराए पर रह रहा हूं। इसके पहले सनीगवां पुलिस चौकी के पीछे सीओडी कॉलोनी में रहता था। मेरी पैदाइश ओम पुरवा की है। यानी मैं हमेशा से कानपुर में रह रहा हूं। अभी पत्नी, बच्चे और भांजे हरिओम के साथ रहता हूं। ज्योतिष का काम करके अपना परिवार चला रहा हूं। अभी एक शिष्य रजत सिंह भी आजमगढ़ से आया हुआ है। उस दिन की घटना को लेकर शिवा कहते हैं- हम सभी लोग रात में यहीं बैठे थे। वहां शोर मचा कि चोर आया चोर। मेरा भांजा हरिओम मेले में गुब्बारा फुलाने का काम करता है। उसके पास एयर गन है। मैं, हरिओम और रजत तीनों लोग वहां के लिए चल दिए। तब वहां कुछ ही लोग थे। उन्होंने मुझे देखा तो उन्हें लगा कि मैं चोर हूं। इसके बाद उन्होंने पीटना शुरू कर दिया। लाठी-डंडे से पीटा। हाथों से पीटा। एक भी व्यक्ति पूछने को तैयार नहीं था कि कौन हो, कहां से आए हो? इतना मारा कि मेरा हाथ आज भी कांप रहा
शिवा अपना हाथ दिखाते हुए कहते हैं- मारपीट की घटना को 4 दिन बीत गए, लेकिन मेरा हाथ अभी भी कांप रहा। मैं खुद से नहा भी नहीं पा रहा। मेरी पत्नी नहलाती है। जिस वक्त लोग मुझे पीट रहे थे, उस वक्त पुलिस मुझे बचा रही थी। इस बीच-बचाव में कई डंडे तो पुलिसवालों को भी लग गए। पुलिस के ही सामने भीड़ मुझे लगातार पीटती रही। मेरे भांजे को चप्पलों से पीटा गया। मुझे कई लोग जानते थे। लेकिन वहां कौन किसे पहचानता है? भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता। शिवा बताते हैं कि जिस वक्त लोग मार रहे थे, उस वक्त मेरा दिमाग ही नहीं काम कर रहा था। बस इतना पता था कि मैंने चोरी नहीं की है, इसलिए मार तो नहीं दिया जाएगा। भीड़ ने बहुत मारा, हाथ नीला पड़ गया। पुलिस ने मेरी बहुत मदद की। बाकी मैं बस यही कहना चाहूंगा कि सोशल मीडिया पर चोर-चोर की रील देखकर हर किसी को चोर मत समझ लीजिए। अगर कोई ऐसा व्यक्ति पकड़ में आता है तो उसे मारिए नहीं। कानून बना है, पुलिस में शिकायत कर दीजिए। कानून अपना काम करेगा। अफवाह की इस घटना में हरिओम और रजत को भी चोट आई। रजत के पैर में तो सरिया से वार किया गया। पैर में पूरा घाव बन गया है। अब पट्टी बांधकर बैठे हैं। कहते हैं- हमें तो कम पीटा गया, लेकिन शिवा गुरुजी को ज्यादा पीटा गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हम लोगों की जान बचा ली। पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया
हमारी टीम उस जगह पर पहुंची, जहां लोगों को चोर समझकर पीटा गया था। इस मामले में पुलिस ने 16 नामजद और 30 से 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। अभी 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस वक्त यहां सन्नाटा है। हमने कुछ लोगों से पूछा, लेकिन ज्यादातर यही कहते हैं कि हमको कुछ नहीं पता। हम उस दिन यहां नहीं थे। असल में इसकी मुख्य वजह यह है कि पुलिस अभी भी यहां से लोगों को गिरफ्तार कर रही है। इसलिए कोई भी उस घटना के बारे में बात नहीं करना चाहता। हम कॉलोनी के अंदर गए और कुछ लोगों से बात की। हलवाई का काम करने वाले बीरेंद्र कुमार गुप्ता कहते हैं- हम उस दिन घर के अंदर थे। घटना को लेकर बहुत ज्यादा नहीं पता है। सुबह कोई कुछ कह रहा था, तो कोई कुछ और बता रहा था। मुझे तो चोर-चोर वाली बात अफवाह लगती है। बाकी जिसके यहां चोरी होती है, उनके आसपास के लोगों को पता चल पाता है। बाकी रात में पहरा देने के लिए कोई व्यक्ति नहीं होता। असल में कुछ लोगों ने बोल दिया कि चोर आया-चोर आया, पब्लिक बिना सोचे निकल पड़ती है। यहीं मिले राजेश कुमार कहते हैं- सिर्फ भगदड़ मचती है और बवाल मचता है। इस वक्त ज्यादा चल रहा है। चोर की अफवाह मिली तो लोग इकट्ठा हो गए और फिर पीटने लग जाते हैं। अब जिसे पीटा गया, वह चोर है या नहीं, इसके बारे में भी लोग पता नहीं करते। यहीं पास खड़ी कुछ महिलाएं दावा करती हैं कि जो लोग आए थे वह चोर ही थे। लेकिन, उन्हें न पकड़कर हमारे घर के लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मेरे पैर में चोट, लेकिन मुझे आरोपी बना दिया
कांशीराम कॉलोनी में किन्नर रोली गुड़िया रहती हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया है। रोली गुड़िया कहती हैं- मेरे साथ ऋषि शुक्ला रहता है। मोहल्ले में हल्ला मचा तो ऋषि के पास फोन आया। ये गए, फिर हमको कुछ लोग नीचे ले गए। चोर को 2-4 हाथ ही मारा गया था। लेकिन, उसके बाद पुलिस ने मोहल्ले में तमाम बच्चों को उठाकर जेल में बंद कर दिया। ऐसा नहीं होना था। अब मेरे खिलाफ भी केस दर्ज कर दिया, जबकि मैं तो उठ नहीं सकती। यह सब आसपास के लोगों की साजिश के चलते ही हुआ है। एक को चोर. तो दूसरे को बच्चा चोर बताकर पीटा
कानपुर में इसी हफ्ते दो और घटनाएं इसी तरह से आईं। जहां चोर बताकर पीटा गया। 25 साल का सुनील कुमार न्यू आजाद नगर में 14 सितंबर की रात नशे में बैठा था। स्थानीय लोगों ने उसे चोर समझा और बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। इतना पीटा कि उसके सिर पर गंभीर चोट आ गई। पुलिस ने सुनील को हैलट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। 5 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक सुनील को होश नहीं आया है। पुलिस 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखकर कैमरे के आधार पर धरपकड़ में लगी है। 16 सितंबर की सुबह 9 बजे एक व्यक्ति बोलेरो से अपनी महिला मित्र के साथ जा रहा था। गंगाघाट क्षेत्र के गंगापुल क्रॉसिंग के पास तिकुनिया पार्क पर उन्होंने अपनी मित्र को छोड़ दिया। तभी कुछ लोगों ने शोर मचाया कि ये बच्चा चोर है। वहां किसी ने एक नहीं सुनी और उस व्यक्ति को पीटने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे-तैसे उस व्यक्ति को भीड़ के चंगुल से छुड़ाया और उसे कोतवाली ले गई। पूछताछ के बाद उसे घर छोड़ दिया गया। वह व्यक्ति रायबरेली के बजरंग नगर का रहने वाला है। कानपुर में गायत्रीनगर भातूफार्म में किराए का मकान लेकर रहता था। 10 सितंबर को कानपुर के ही सचेंडी कस्बा बाजार में दीपक, रिंकू और बांदा के रहने वाले गिरधारी ने शराब पी। बाद में वहीं खड़े होकर बाथरूम करने लगे। नशे के चलते लोगों को इनकी हरकतें अजीब लगीं। चोर समझकर पीटा जाने लगा। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को भीड़ से छुड़ाया और साथ ले गई। थाना प्रभारी दिनेश सिंह का बयान आया कि ये सभी नशे में थे, चोरी जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। पुलिस ने सक्रियता बढ़ाई, रात में गश्त बढ़ी
कानपुर में लगातार हो रही इन घटनाओं को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। अब तक 331 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अलग-अलग थानों में 61 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की टीमों ने रात में गश्त बढ़ा दिया है। लोगों को लगातार हिदायत दी जा रही कि किसी भी सूरत में कानून अपने हाथ में न लें। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। —————————– ये खबर भी पढ़ें… आजम खान के जेल से बाहर आने से किसे नुकसान?, भाजपा को डर या राजनीतिक कारणों से जेल में रखना चाहती है सरकार सपा के पूर्व मंत्री आजम खान को उनके आखिरी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 सितंबर को जमानत दी। तब लगा कि अब आजम के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन तभी रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ते हुए उन्हें 20 सितंबर को तलब कर लिया है। क्या यह किसी रणनीति के तहत हुआ? दैनिक भास्कर की इस खबर में इन सभी सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। पढ़िए पूरी खबर…
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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