चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने पर इमरान मसूद का बयान:बोले-देश में दलित-मुसलमानों के खिलाफ फैल रही नफरत, एक दलित चीफ जस्टिस भी बर्दाश्त नहीं

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को “देश के इतिहास का काला दिन” बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इमरान मसूद ने कहा-ये दिन भारत के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। क्या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर जूता फेंकना कोई सिखाने की बात है? यह नफरत का सबसे घिनौना रूप है। देश में दलितों और मुसलमानों के खिलाफ ज़हर बोया जा रहा है। अब देश एक दलित चीफ जस्टिस तक को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा? कांग्रेस सांसद ने आगे कहा-सनातन मोहब्बत और प्रेम का धर्म है, नफरत का नहीं। संविधान ने सबको धर्म की स्वतंत्रता दी है, लेकिन आज माहौल उल्टा बना दिया गया है। प्रधानमंत्री को जागना चाहिए, कहीं स्थिति हाथ से निकल न जाए। देश में जो जहर फैलाया जा रहा है, वह बहुत खतरनाक है। मसूद ने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर के सपने पर प्रहार है। उन्होंने कहा-चीफ जस्टिस संविधान के रक्षक हैं। उन पर हमला करना, संविधान पर हमला करना है। यह दिखाता है कि कुछ ताकतें आज भी दलित और अल्पसंख्यक समाज को अपमानित करने में लगी हैं। वे दलितों और मुसलमानों को गाली समझते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी अपील करते हुए इमरान मसूद बोले-प्रधानमंत्री जी, देश बर्बादी के कगार पर है। इतनी नफरत मत बोइए। भारत आज दुनिया में अकेला पड़ गया है। आप विश्वगुरु बनना चाहते थे, लेकिन आज हम अपने दोस्त खो चुके हैं। रूस और सऊदी अरब पाकिस्तान के करीब हैं, अमेरिका और चीन भी पाकिस्तान से संवाद में हैं, और हम अलग-थलग हो गए हैं। यह हमारी विदेश नीति की असफलता और भीतर फैली नफरत का परिणाम है। मसूद ने कहा कि जिस देश में दलित मुख्य न्यायाधीश का सम्मान न हो पाए, वहां लोकतंत्र और संविधान दोनों खतरे में हैं। उन्होंने कहा-बाबा साहेब अंबेडकर का सपना था कि हर नागरिक समान हो। लेकिन आज दलित होने की सजा दी जा रही है। यह वही नफरत है जो सालों से समाज में जहर की तरह फैलाई जा रही है।

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