चचेरे भाई को मारने के लिए 20 बार ईंट मारी:1 घंटे तक लाश के पास बैठा, 6 दिन तक गाजियाबाद से दिल्ली तक CCTV देखे
गाजियाबाद में युवक ने चचेरे भाई की हत्या कर दी। पुलिस पूछताछ में आरोपी युवराज ने बताया- मैंने पहले लक्ष्य का गला दबाया। जब वह अचेत होकर जमीन पर गिर गया। फिर मैंने ईंट से उसके चेहरे और सिर पर 20 वार किए, जिससे उसकी शिनाख्त न हो। फिर 1 घंटे मैं लाश के पास बैठा रहा। ये देखने के लिए कि सांस तो नहीं चल रही। इसके बाद झाड़ियों में फेंक दिया। मैं 1 महीने से लक्ष्य की हत्या की प्लानिंग बना रहा था। मगर मौका नहीं मिला। मैंने 6 दिन तक चार बार खोड़ा से लेकर दिल्ली तक बाइक से रेकी की। रास्तों पर देखा कि कहां-कहां कैमरे लगे हैं। सुबह, दोपहर, शाम और रात में भीड़ कितनी रहती है। मैंने देखा कि रात के समय भीड़ कम होती है तो मैंने यही समय चुना। मैंने सोचा था कि लक्ष्य की हत्या के बाद उसकी 60 लाख की प्रॉपर्टी मेरी हो जाएगी। मगर मैं पकड़ा गया। पहले यमुना नदी में धक्का देकर मारने का प्लान था
आरोपी युवराज ने बताया- हत्या करने के 10 दिन पहले लक्ष्य से कहा था कि दिल्ली घूमने चलेंगे और वहां यमुना देखेंगे। सोचा था कि उसे यमुना में उसे धक्का दे दूंगा। लेकिन लक्ष्य की मां बबीता ने घूमने की अनुमति नहीं दी और वह बोलीं कि लक्ष्य कहीं नहीं जाएगा। इस कारण पहला प्लान फेल हो गया। इसके बाद मैंने उसे किसी न किसी बहाने से दिल्ली ले जाने की प्लानिंग करने लगा। इसके लिए मैंने पहले तैयारी शुरू की। रास्तों का चयन किया, कहां-कहां कैमरे लगे हैं। यह सब देखा। फिर 16 सितंबर की रात पौने 10 बजे मैं उसे बाइक से दिल्ली ले गया। आरोपी ने बताया- मैं जानता था कि अगर वह घर से जाकर लक्ष्य को बुलाता तो उसकी मां मना कर देती। इसलिए उसने शाम को लक्ष्य को बताया कि रात में दिल्ली फिल्म देखने चलेंगे। इसी कारण लक्ष्य घर से निकलकर पहले ही चौराहे पर पहुंच गया था। फिर मैं उसे बाइक से लेकर लक्ष्मीनगर दिल्ली पहुंचा। 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस को शव मिला
यहां पार्क में लक्ष्य का पीछे से पकड़कर गला दबा दिया। लक्ष्य ने बचाव के लिए प्रयास किया, लेकिन वह छोटा था। इसलिए गला दबाए जाने के बाद बेहोश हो गया और गिर गया। फिर मैंने उसका चेहरा कूचा और शव को पार्क की झाड़ी में फेंक दिया। 19 सितंबर को दुर्गंध आने पर दिल्ली पुलिस ने शव को बरामद कर लिया। पुलिस ने शव लावारिस में दिल्ली में पोस्टमॉर्टम के लिए रखवा दिया। 18 सितंबर को लक्ष्य के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई। लक्ष्य की मां बबीता ने युवराज से पूछा तो उसने कहा मुझे जानकारी नहीं है। अब पढ़िए पुलिस आरोपी तक कैसे पहुंची CCTV में घर के बाहर युवराज की बाइक में बैठता दिखा
पुलिस ने घर के बाहर और आसपास के CCTV की जांच की। यहां घर से निकलने के बाद लक्ष्य अपनी गली से निकलता दिखाई दिया। सीसीटीवी में दिख रहा है कि वह सड़क पर खड़ा है। तभी ताऊ का बेटा युवराज बाइक लेकर पहुंचा और वह पीछे बैठ गया। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी देखते हुए पीछा शुरू किया। 12 किमी तक पुलिस ने 120 कैमरे देखे। हर कैमरे में लक्ष्य और युवराज एक साथ दिखे। जहां-जहां कैमरे होते थे, वहां-वहां युवराज लक्ष्य को बाइक से उतार देता था। युवराज ने पुलिस को बताया- मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता था। मैं सूखा नशा भी करता था। मां को लगा बेटा गुस्से में चला गया
लक्ष्य की मां बबीता ने बताया कि रात में बेटा घर नहीं आया। मुझे लगा कि वह गुस्से में कहीं चला गया है। हम उसे ज्यादा अकेला नहीं जाने देते थे। हम लोग युवराज पर बहुत भरोसा करते थे। वह ऐसा करेगा। कभी सोचा नहीं था। मेरा इकलौता बेटा था। पिता मनवीर बोले- मुझसे कहता तो पैसे नहीं है। हम पैसे नहीं मांगते। मगर मेरे बेटे को मारने की क्या जरूरत थी। मेरा वही सहारा था। वह भी उसने छीन लिया। अब दोनों परिवार की स्थिति समझिए
खोड़ा थाना क्षेत्र के शिव पार्क में मनवीर प्रजापति पेशे से ड्राइवर हैं। परिवार में पत्नी बबीता, 17 साल की बेटी और 12 का बेटा लक्ष्य है। उनका अपना मकान है। जिसकी कीमत 50 लाख के आसपास है। यहीं से पास की गली में करीब 8 घर दूर मनवीर के दूसरे भाई ओमवीर प्रजापति रहते हैं। ओमवीर का मिट्टी के बर्तन का काम है। ओमवीर के 2 बेटे हैं। मनवीर का 12 साल का बेटा लक्ष्य प्रजापति कक्षा- 5 की पढ़ाई करता था। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया-बच्चे की हत्या दिल्ली में की गई। परिवार ने गुम होने की तहरीर दी थी। इसके आधार पर गाजियाबाद में केस दर्ज कर शव को दिल्ली से बरामद किया। जहां आरोपी को अरेस्ट किया गया। सीसीटीवी फुटेज से इस पूरे केस को वर्कआउट किया गया। अब पूरा मामला पढ़िए-
शिव पार्क में मनवीर प्रजापति और ओमवीर प्रजापति रहते हैं। मनवीर का 12 साल का बेटा लक्ष्य प्रजापति कक्षा- 5 की पढ़ाई करता था। 16 सितंबर को वह घर से लापता हो गया। 18 सितंबर को घरवालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर युवराज को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर राजधानी इन्क्लेव पार्किंग के पीछे पार्क से लक्ष्य की लाश बरामद की। साथ ही हत्या में इस्तेमाल ईंट, खून से सनी मिट्टी और कपड़ा बरामद किया। युवराज ने बताया- मैं 12वीं पास हूं। केबिन क्रू का डिप्लोमा किया है। मैंने अपने चाचा मनवीर के प्रगति विहार स्थित 25 गज के मकान का सौदा 25 लाख रुपए में कराया था। उनको एडवांस में 3 लाख रुपए दिलाए थे। वो 3 लाख रुपए मैंने अपने चाचा से उधार ले लिए थे। इन पैसों को मैंने बिट क्वाइन में इन्वेस्ट कर दिया था। अब चाचा बार-बार मुझसे 50 हजार रुपए मांग रहे थे। लेकिन, मेरे पास पैसे नहीं थे। मैंने सोचा, अगर मैं चाचा के बेटे लक्ष्य का मर्डर कर दूं, तो उनकी सारी संपत्ति का वारिस बन जाऊंगा। फिर मुझे उधार की रकम भी नहीं चुकानी पड़ेगी। युवराज ने बताया- 16 सितंबर को दिल्ली के लक्ष्मीनगर में स्थित V3S मॉल में इनफिनिटी कैसल मूवी के नाइट शो के लिए मेरे मित्र ने 3 टिकट बुक किए। एक टिकट अलग से मैंने लक्ष्य के लिए बुक किया था। रात को मैं लक्ष्य को फिल्म दिखाने के बहाने घर से दिल्ली ले गया। मैं उसे लक्ष्मीनगर के एक पार्क में ले गया। मैंने वहीं लक्ष्य की गला दबाकर हत्या कर दी। पहचान न हो सके, इसलिए ईंट मारकर उसका चेहरा कुचल दिया। लाश वहीं छोड़कर मूवी देखने चला गया। इसके बाद घर आकर सो गया। ………………….. ये खबर भी पढ़िए- योगी बोले- देश विभाजित था, तभी गुलाम हुआ, हमें फिर नहीं बंटना, भारत ऐसे ही सोने की चिड़िया नहीं था गोरखपुर में योगी ने कहा- यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ। हमें फिर से विभाजित नहीं होना है। विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए पंच प्रण लेना होगा। ये पंच प्रण हैं- गुलामी की मानसिकता को खत्म करना होगा। अपने अंदर की हीन भावना को खत्म करना होगा। पढ़िए पूरी खबर…
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Leave a Reply