चंद्रशेखर से रोहिणी बोलीं-तुम BJP के एसेट, जेल नहीं जाओगे:सांसद का गालियां देते AUDIO जारी किया; कहा- समाज देखे इसकी हकीकत

पीएचडी स्कॉलर डॉक्टर रोहिणी घावरी ने रविवार देर शाम स्विट्जरलैंड से X पर एक ऑडियो जारी किया है। जिसमें आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संस्थापक और नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर गालियां देते हुए सुनाई दे रहे हैं। बातचीत में रोहिणी कहती हैं कि तुम (चंद्रशेखर) बीजेपी के एसेट हो, तुम्हे जेल कभी नहीं भिजवाएगी। ओम बिड़ला ने भी तुम्हारी तारीफ की थी। बीजेपी तुम्हारा इस्तेमाल कर मायावती को खत्म करना चाहती है। रोहिणी और चंद्रशेखर के बीच ये बातचीत कब की है, ये पता नहीं चल पाया है। रोहिणी का दावा है कि वे बहुत जल्द एक और ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी करेंगी, जिसमें चंद्रशेखर बसपा सुप्रीमो मायावती को अपशब्द कह रहे हैं। रोहिणी ने X पर लिखा- कांशीराम साहब का वारिस बनना है और बसपा को खूब गालियां देना, बहनजी का अपमान करना, यही यह इस आदमी की फ़ितरत है। बात करता है बहुजन आंदोलन को आगे बढ़ाने की। जितनी नफ़रत बहुजन समाज पार्टी से करता है, हिम्मत है तो किसी और को गाली देके बता। ना चरित्र का अच्छा ना सोच का अच्छा है। और बनने चला है बहुजनों का नायक। बहुत जल्द बहनजी को कहे अपशब्द की भी रिकॉर्डिंग शेयर करूंगी। समाज भी देखे इसकी हक़ीक़त। अब रोहिणी और चंद्रशेखर के बीच की बातचीत पढ़िए… चंद्रशेखर: न उन लोगों ने मेरी आज तक मदद की है, न ही उन लोगों ने मुझे यहां तक लाकर खड़ा किया है। जब मुझे गोली लगी थी, ऊपर से नीचे तक। वह लोग यह कह रहे थे मैंने खुद गोली चलवाई है। उन लोगों का मेरे सामने नाम मत ले। जिनकी मुझे शक्ल नहीं देखनी, उनका मैं नाम नहीं सुनता। अब इस पर की चर्चा मत कर। रोहिणी: देखो चंद्रशेखर ये मंजिल नहीं है, ये शुरुआत है। ये सांसद बनना बस एक सीढ़ी है चंद्रशेखर: मैं गोली खाकर मर जाता। ये… बोल रहे थे मैंने खुद गोली चलवा ली। रोहिणी: ठीक है न, उनकी छोड़ दो। चंद्रशेखर: फिर उनका नाम क्यों गिनवा रही है। रोहिणी: बस मैं यह एहसास करा रही हूं। हमारी मंजिल ये नहीं है। जिसको आप मंजिल समझ बैठो हो न, इसमें सुकून मत तलाशो। चंद्रशेखर: मार्च में तुझे बताऊंगा मंजिल क्या है? रोहिणी: क्यों मार्च में, क्या होगा? चंद्रशेखर: बताऊंगा, हर सातवें दिन डेट लग रही है, मेरी कोर्ट में। पता करके देख ले किसी से भी। रोहिणी: अरे कुछ नहीं होगा। यह बस बेकार की बातें हैं। आपको कोई जेल नहीं भेज रहा। आप बीजेपी के ऐसेट हो। बीजेपी आपको यूज करेगी राजनीति के लिए। वो आपको चमकाएगी। ओम बिड़ला (लोकसभा स्पीकर) सबके सामने आपकी तारीफ करता है। चंद्रशेखर: क्यों करता है बता? रोहिणी: वो इसलिए कि दलित लीडर आपको मानने लगे लोग। मायावती को खत्म करवाना चाहते हैं। चंद्रशेखर: सुनो मायावती को खत्म करना है, छोड़ो इस बात को। मेरी बात सुन। अब पूरे विवाद की कहानी समझिए… चंद्रशेखर कहता था- तुम्हारे बिना मर जाऊंगा, सांसद बनते ही पलट ‘पहले मुझे इमोशनल ब्लैकमेल किया। फिर UN में फ्रॉड का केस करके करियर बर्बाद करने की कोशिश की। जब मुझे क्लीन चिट मिल गई तो पॉलिटिकल पावर की धौंस देने लगा। कहता है कि अब मैं सांसद हूं, जो करते बने कर लो। सुसाइड के लिए उकसाने वाला ये वही इंसान है, जो 2022 में हमारा रिश्ता बचाने के लिए गिड़गिड़ा रहा था। कहता- तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रहूंगा, मर जाऊंगा।’ ‘जब मैंने बोला- मैं 4 साल से इस रिश्ते में हूं। सबको हमारे अफेयर के बारे में पता है। तो सांसद बनने के बाद अब कह रहा है कि संबंध यहीं खत्म करना पड़ेगा। मैंने कहा- मैं सुसाइड कर लूंगी तो कहता है कि अगर तुम्हारी मौत ऐसे ही होनी है तो यही सही। मैं तुम्हारी मौत को कंट्रोल नहीं कर सकता।’ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर PHD स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी सिर्फ यौन उत्पीड़न का आरोप ही नहीं लगा रहीं। उनका कहना है कि वो अब इन आरोपों को लेकर चंद्रशेखर के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी। रोहिणी अब तक पुलिस के FIR दर्ज न करने से परेशान हैं। हालांकि वकील की सलाह पर वो मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा चुकी हैं। दैनिक भास्कर ने रोहिणी घावरी से बात कर पूरा मामला समझा। हमने यूपी की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद का पक्ष भी जानने की कोशिश की लेकिन सवालों के जवाब नहीं मिले। बस इतना कहा गया कि चंद्रशेखर ने हाईकोर्ट में रोहिणी पर उनकी इमेज डैमेज करने का आरोप लगाते हुए केस किया है। सांसद अपना जवाब कोर्ट में ही देंगे। शादी की बात छिपाई, जब संबंध तोड़ना चाही तो कहा- तुम्हारे बिना मर जाऊंगा
भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली रोहिणी कहती हैं, ‘2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर ने चुनाव लड़ने के लिए जब फॉर्म भरा, तब मुझे पता चला कि वो शादीशुदा हैं। तब मैंने उससे पूछा कि तुमने मुझसे इतनी बड़ी बात क्यों छिपाई। मैं इस रिश्ते से पूरी तरह पीछे हट गई। तब उसने न जाने मुझे कितने फोन किए। वो रो-रोकर कहता कि तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊंगा। अपनी जिंदगी खत्म कर लूंगा।’ ‘मैं तब भी नहीं मानी तो कहने लगे कि मैं चुनाव लड़कर क्या करूंगा। मैं कैंपेनिंग नहीं करूंगा। मेरी बहन को कई फोन किए। स्विट्जरलैंड के दोस्तों को भी फोन किए। वो रो-रोकर बस यही कहते कि रोहिणी से कहो कि वो मुझसे बात करे। नहीं तो मैं मर जाऊंगा।’ रोहिणी कहती हैं कि अगर तब मुझे इतना इमोशनल ब्लैकमेल नहीं किया होता तो मैं इस रिश्ते से निकल गई होती। पहले तलाक का वादा किया, फिर कहा- ब्लैकमेल करती है, नहीं ले सकता
रोहिणी आगे बताती हैं, ‘चंद्रशेखर ने यहां तक कहा था कि उनकी शादी एक कॉम्प्रोमाइज है। ये ब्लैकमेल करके हुई है। लड़की शादी से पहले प्रेग्नेंट हो गई और FIR करने जा रही थी। इसलिए जबरदस्ती शादी करनी पड़ी। मैं इस महिला से बहुत नफरत करता हूं। मेरी चंद्रशेखर की मां से भी बात हुई थी लेकिन उन्होंने भी शादी के बारे में मुझे कुछ नहीं बताया था।’ ‘उसने तलाक लेने का भी वादा किया था। कहा कि उसकी प्रोसेस के लिए लॉयर से बात कर ली है। पत्नी को भी बता दिया है कि मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रहूंगा। रोहिणी से शादी करूंगा। फिर एक दिन अचानक कहने लगे कि पत्नी ब्लैकमेल कर रही है। छोड़ने की बात पर सारे राज खोलने की धमकी दे रही। कह रही सबको शब्बीरपुर कांड का राज बता दूंगी। राज क्या है? पता नहीं।’ रोहिणी कहती हैं कि मेरे पास ऐसी कई वाइस रिकॉर्डिंग हैं, जिसमें उन्होंने मुझसे पहले शादी करने का वादा किया था। कई और भी सबूत हैं, जो बहुत प्राइवेट हैं। अभी पिछली बार जब मैं भारत आई थी, तब उसने मेरा फोन लेकर ये सारा डेटा भी डिलीट करने की कोशिश की। हालांकि उससे पहले ही मैं सब लैपटॉप में ट्रांसफर कर चुकी थी।‘ सांसद बनने के बाद रिश्ता तोड़ दिया
रोहिणी बताती हैं, ‘चंद्रशेखर जब सांसद बनने के बाद सितंबर 2024 में ऑस्ट्रिया आए। तब उसने मुझे बुलाया और रिश्ता खत्म करने की बात कही। उसने कहा कि मैं अब राजनीति में हूं। मुझे अपने समाज के लिए काम करना है। हमारा समाज इस रिश्ते को कभी नहीं समझेगा। हमारी जातियां अलग हैं। तुम वाल्मीकि हो और मैं जाटव हूं। अब ये रिश्ता यहीं खत्म करना होगा।’ ‘मैंने सवाल किया कि आपने तो कहा था कि एक बार सांसद बन जाऊंगा तो फिर हमारे रिश्ते पर कोई उंगली नहीं उठाएगा। हमारी शादी से दोनों कम्युनिटी के बीच यूनिटी बनेगी। हम मिलकर काम करेंगे। हमारी जोड़ी कांशीराम-मायावती जैसी है। अब सांसद बनकर आपकी राय बदल गई। इटली के मिलान एयरपोर्ट पर इसी बात को लेकर मेरा उनसे खूब झगड़ा हुआ।’ वो कहती हैं, ‘तब तक मुझे समझा आ गया था कि चंद्रशेखर ने मुझे टूल की तरह इस्तेमाल किया। उसका प्लान था कि सांसद बन गए तो मुझे छोड़ देंगे। नहीं बने तो स्विटजरलैंड में मेरे साथ सेट हो जाएंगे। वो मुझसे कहते भी थे कि अगर सांसद नहीं बना तो यहां अपने समाज के लिए काम नहीं कर पाऊंगा। मेरे ऊपर बहुत सारे केस हैं। तुम्हारे साथ रहूंगा, वहीं काम करूंगा।’ रोहिणी कहती हैं कि 2024 मेरे लिए बहुत खराब रहा। रिश्ता टूटने के बाद मैं चंद्रशेखर से कहती थी कि मैं सुसाइड कर लूंगी।’ UN में मेरे खिलाफ फ्रॉड का केस किया, ताकि ब्लैकमेल कर सके
रोहिणी कहती हैं कि इन सबके बाद चंद्रशेखर को पता था कि अब मैं चुप नहीं रहने वाली। इसीलिए उसने सबसे पहले यूनाइटेड नेशंस में मेरी शिकायत की। वे बताती हैं, ‘मेरे पास नोटिस आया कि मैं इंडिया के रिप्रजेंटेटिव का फायदा उठाती हूं। लोगों से फ्रॉड करती हूं। 5-5 लाख रु. लेती हूं। मैंने कोई सफाई नहीं दी और जांच होने दी। मेरे खिलाफ कुछ साबित नहीं हुआ।’ ‘चंद्रशेखर ने ये केस इसलिए किया था ताकि मैं डर जाऊं। उसके सामने गिड़गिड़ाऊं की केस वापस ले लो वरना मेरा करियर बर्बाद हो जाएगा। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया और मुझे क्लीन चिट मिल गई। जब जांच में कुछ नहीं निकला तो डराने लगे। कहने लगे- अब तो मैं सांसद बन गया हूं। जो करना है कर लो।’ सफाईकर्मी मां की बेटी हूं, किसी का एक पैसा नहीं खाया
रोहिणी घावरी इंदौर की रहने वाली हैं। वे कहती हैं, ‘मैं एक सफाई कर्मचारी की बेटी हूं। मेरी मां आज भी सफाईकर्मी का ही काम करती हैं। मैं बहुत मुश्किल से यहां तक पहुंची हूं और चंद्रशेखर ने मेरा सब कुछ बर्बाद कर दिया। मेरी इमेज और मेरा स्ट्रगल सबकुछ।’ ‘मेरी स्कॉलरशिप सिर्फ 2 साल की थी, जो 2022 में ही खत्म हो गई। फिर मैंने अपने खर्च पूरे करने और घर पर पैसे भेजने के लिए इवनिंग रेस्टोरेंट में वेट्रेस का भी काम किया। मैंने किसी का एक भी पैसा नहीं खाया। इसने मुझ पर ही फ्रॉड का केस कर दिया। मैं अब चंद्रशेखर और इन सारे आरोपों के खिलाफ लड़ूंगी।’ पुलिस बोली- 24 घंटे में FIR होगी, फिर कहा- ऊपर से ऑर्डर नहीं
रोहिणी कहती हैं कि पहली बार मैंने 23 जून, 2025 को राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली कमिश्नर ऑफिस और दिल्ली पुलिस के पास शिकायत भेजी थी। राष्ट्रीय महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज हुई है। हालांकि पुलिस ने कहा कि मैं जब यहां आऊंगी, तब ही FIR दर्ज हो पाएगी। क्योंकि ऐसे मामलो में विक्टिम का होना जरूरी है। वो कहती हैं, ‘6 अगस्त को मैं इंडिया आई। DCP, ACP और SHO से मिली। सबने हौसला दिया। यहां तक कि मैंने जिन-जिन जगहों और होटल्स का जिक्र कम्प्लेन में किया था, उन सब जगहों पर जाकर पुलिस पहले ही पड़ताल भी कर चुकी थी। ये सारी पड़ताल एक लेडी इंस्पेक्टर ने की थी। पुलिस ने 6 अगस्त को कहा कि 24 घंटे के अंदर आपकी FIR दर्ज हो जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।’ रोहिणी कहती हैं, ‘मैंने FIR कन्फर्मेशन का इंतजार किया। जब कोई खबर नहीं मिली तो 18 अगस्त को फिर दिल्ली पहुंची। वहां थाने से कोई जवाब नहीं मिला। जब भी पुलिस वालों को फोन कर FIR के बारे में पूछती, तो बस यही बोलते थे कि अभी ऊपर से ऑर्डर नहीं आया।’ फिर एक पुलिस वाले ने बताया कि 4 धाराओं में हमने आपके केस की फाइल भी बना ली थी। तभी हमें ऊपर से मामले को आगे न बढ़ाने का ऑर्डर मिल गया।’ फिर सितंबर में एक बार फिर मैं थाने गई, तब मुझसे कहा गया कि ऊपर से FIR दर्ज न करने का आदेश मिला है। रोहिणी कहती हैं, ‘पुलिस के FIR दर्ज न करने पर मेरे वकील ने सलाह दी कि मैं अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने 156 (3) के तहत दर्ज करा दूं। अब बयान दर्ज हो चुका है। आगे कोर्ट पुलिस से पूछेगी, तब पता चलेगा कि पुलिस FIR क्यों नहीं दर्ज कर रही थी।’ रोहिणी और चंद्रशेखर 4 साल रिश्ते में रहे
आप दोनों पहली बार कब मिले? इस पर रोहिणी कहती हैं, ’30 जून 2021 को पहली बार हमारी फोन पर बात हुई। मैं स्विट्जरलैंड में फैलोशिप प्रोग्राम में थी। कुछ महीनों की बातचीत के बाद हम रिलेशनशिप में आ गए। वो मुझसे कहते थे कि मुझे ऐसी ही लड़की चाहिए जो बहुजन आंदोलन को समझे। शादी का वादा करते और कहते कि हर युग में कोई न कोई जोड़ी दलितों के उद्धार के लिए आती है। सावित्रीबाई फुले-ज्योतिबा फुले, कांशीराम-मायावती। अब हम होंगे।’ ‘मैं उनसे पहली बार भारत में ही अक्टूबर, 2021 में मिली थी। वो मुझे एयरपोर्ट पर लेने भी आए थे। हम जब भी मिले, भारत में ही मिले। उनके पास पासपोर्ट नहीं था इसलिए वो विदेश नहीं जा सकते थे। हां पिछले साल सितंबर 2024 में सांसद बनने के बाद आस्ट्रिया में उनसे मुलाकात हुई थी।’ रोहिणी का दावा- चंद्रशेखर की पार्टी में डिसीजन मेकर थी
रोहिणी दावा करती हैं कि चंद्रशेखर की पार्टी के पॉलिटिकल डिसीजन और पॉलिसीज में उनका बड़ा रोल था। अध्यक्ष, कोर कमेटी मेंबर और दूसरे सदस्यों से वो रोज बात करती थीं। उनकी सलाह पर पार्टी और चंद्रशेखर खुद अमल करते थे। वे बताती हैं, ‘समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जब अस्पताल में एडमिट थे। तब मैंने ही चंद्रशेखर से कहा था कि आप उनसे मिलने जाइए। उनके निधन के बाद तो दुनिया जाएगी लेकिन आपको उनके जीवित रहते हुए जाना चाहिए। उस वक्त अखिलेश यादव और इनके रिश्ते में कुछ खटास थी इसलिए ये नहीं जाना चाहते थे लेकिन फिर भी मिलने गए।’ ‘जब चंद्रशेखर तेलंगाना गए तो वहां से मुझे फोन किया। पूछने लगे कि CM से मिलना चाहिए या नहीं? मैंने कहा- बिल्कुल मिलिए। इनका कांग्रेस के सीनियर लीडर कमलनाथ से मिलने का फैसला भी हम दोनों का था। नगीना सीट से चुनाव लड़ने में भी मेरा बहुत बड़ा रोल था।’ ‘हम सब चंद्रशेखर के लिए सीट चुन रहे थे, तब बातों ही बातों में इन्होंने बताया कि नगीना सीट से कांशीराम और मायावती चुनाव लड़े थे। तब मैंने ही कहा कि आपको भी इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। फिर नगीना सीट पर किस संख्या में किस कम्युनिटी के लोग हैं? हर कम्युनिटी तक पहुंचने की रणनीति क्या होगी। इन सब कामों में मेरा अहम रोल था। ये पावर चंद्रशेखर ने ही मुझे दी थी।’ शराब पीना कोई बड़ी बात नहीं, जनता से झूठ बोलना गलत
आपने सोशल मीडिया पर लिखा कि चंद्रशेखर आपसे शराब मंगवाते थे? इस पर रोहिणी कहती हैं, ‘शराब पीना कोई बड़ी बात नहीं। विदेश से जो भी भारत आता है, उसके जानने वाले ऐसी डिमांड करते हैं। मैंने सोशल मीडिया पर इस बात का जिक्र सिर्फ तब किया, जब चंद्रशेखर ने जनता के सामने कहा कि वो शराब नहीं पीते।’ ‘मेरा मानना है कि जनता से झूठ नहीं बोलना चाहिए। मैं जब भी इंडिया आने वाली होती थी, तब वो मुझे ब्रांड बताते थे और मैं उनके लिए लेकर आती थी।’ चंद्रशेखर ने कहा- कोर्ट में जवाब देंगे
रोहिणी के दावों और आरोपों को लेकर दैनिक भास्कर ने भीम आर्मी के फाउंडर चंद्रशेखर आजाद को कई बार फोन किया लेकिन जवाब नहीं मिला। सांसद प्रतिनिधि काशी का फोन तो कई बार उठा। उन्होंने वादा भी किया कि उसी दिन शाम को बात करवाएंगे। हालांकि न उनका फोन आया और न ही दोबारा काशी का फोन उठा। हमने चंद्रशेखर और उनके सांसद प्रतिनिधि को 5 सवाल भेजे। जवाब आया कि चंद्रशेखर कोर्ट में जवाब देंगे। उन्होंने एक डॉक्यूमेंट की कॉपी भेजी, जिसे सांसद ने रोहिणी घावरी पर उनकी इमेज डैमेज करने के मामले में हाईकोर्ट में दाखिल किया है। पुलिस ने कहा- कुछ न बोलने का आदेश मिला
इस केस को लेकर हमने पुलिस से भी बात करने की कोशिश की। केस की पड़ताल एक लेडी इंस्पेक्टर ने की थी। हमने उसने बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि SHO से बात कीजिए। हमने कम्प्लेन की पड़ताल के बारे में पूछा तो जवाब मिला, ‘केस के बारे में कुछ न बोलने का आदेश है।’ SHO ने बात करने से साफ मना कर दिया। DCP पार्लियामेंट से बात की तो जवाब मिला कि केस के बारे में जानकारी नहीं है। जबकि रोहिणी का दावा है कि इन सभी अधिकारियों से उसकी मुलाकात और बात दोनों हुई है। इन्हीं में से एक अधिकारी ने उनसे पॉलिटिकल प्रेशर होने और ऊपर से FIR दर्ज न करने के ऑर्डर मिलने की बात कही थी।
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