घाटमपुर में 35 फीट रावण पुतला: हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक:आंखों के लिए सूरत से कपड़ा, मुस्लिम परिवार बनाता मुकुट, हिंदू बनाते चेहरा, 25 दिन में बनकर होता तैयार

कानपुर के घाटमपुर एक परिवार दो पीढ़ियों से रावण के पुतले को बनाकर परंपरा का निर्वाहन कर रहा है। यहां पर रावण के पुतले को तैयार करने में 25 दिन का समय लगता है। पचास हजार रुपए की लागत से 35 फुट ऊंचा पुतला बनाया जाता है। रावण के पुतले का चेहरा लोगों में आकर्षण का केंद्र बना रहता है, यूपी में ऐसा चेहरा कही नही बनाया जाता पुतले का चेहरा हुबहू आदमी के चेहरे जैसा लगता है। आंख की पुतली के लिए सूरत से कपड़ा मंगाया जाता है। रावण के पुतले को तैयार करने में हिन्दू मुस्लिम दोनो समुदाय के लोग सहयोग करते है। यह पुतला घाटमपुर क्षेत्र में हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश देता है। दो पीढ़ियों से परिवार बना रहा रहा रावण का पुतला,ग्रामीण देते श्रमदान घाटमपुर तहसील क्षेत्र के पतारा कस्बा निवासी संजय सिंह ने बताया कि उनके परिवार में कई पीढ़ियों से बुजुर्ग रावण का पुतला तैयार करते थे, जब वह छोटे थे तो बचपन में वह भी अपने दादा और पिता जी को रावण का पुतला बनाते देखते थे, धीरे धीरे उनकी रूचि भी रावण के पुतले को तैयार करने में लगने लगी। वह बचपन में छोटा सा रावण का पुतला बनाया करते थे, समय बीता और दादा जी की मौत हो गई, जिसके बाद से वह वह बड़े हुए और रावण का पुतला बनाने में अपने पिता जी की मदद करने लगे। पिता जी के साथ रावण का पुतला बनाने के बारे में जाना और सीखा। पिता जी की मौत के बाद से वह बुजुर्गो द्वारा बनाई गई परम्परा का निर्वाहन करने लगे। इसमें उनके भाई सुधाकर सिंह के साथ गांव के लोग भी पारिश्रमिक सहयोग करते है।

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