ग्रामीणों ने खुद बनाई 150 मीटर सड़क:सोनभद्र के नई गांव में चंदा जुटाया, बोले- मरीजों को चारपाई पर ले जाना पड़ता था

सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के नई गांव में ग्रामीणों ने स्वयं पहल करते हुए 150 मीटर सड़क का निर्माण किया है। ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर और श्रमदान के माध्यम से यह कार्य पूरा किया। गांव के युवाओं का कहना है कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सड़क की उम्मीद करना व्यर्थ है। उन्होंने पंडित मदन मोहन मालवीय की तरह भिक्षाटन कर अपने गांव की सड़क बनाने का निर्णय लिया। आजादी के 78 वर्ष बाद भी नई गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। गांव के 80 वर्षीय सकीराम ने बताया कि पक्की सड़क उनके लिए एक सपना है। गर्मी और सर्दी में तो किसी तरह आवाजाही हो जाती है। लेकिन बरसात में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। बच्चों को कंधे पर पार बिठाना पड़ता था
ग्रामीण गुरुगोपाल सिंह कुशवाहा, मनोज सिंह, देव मौर्या और सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बीमार व्यक्ति को खटिया पर ले जाना पड़ता है। एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती। स्कूली बच्चों को कंधों पर बिठाकर कीचड़ पार कराना पड़ता है। रिश्तेदार भी गांव आने से कतराते हैं। इन्हीं कारणों से ग्रामीणों ने स्वयं सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि “उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक और जिला स्तर तक अपनी समस्या कई बार रखी है। हर बार केवल आश्वासन मिले, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात में गांव का संपर्क पूरी तरह से मुख्य सड़क से टूट जाता है, और यह समस्या साल दर साल बनी रहती है।” बता दे कि नई गाँव के इन ग्रामीणों ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर