गौ सेवा आयोग अध्यक्ष हापुड़ पहुंचे:प्राकृतिक खेती मिशन गांव-गांव पहुंचाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता हापुड़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गौकशी पर प्रतिबंध और गोवंश संरक्षण के साथ-साथ केंद्र सरकार के ‘नेशनल मिशन ऑन नैचुरल फार्मिंग’ को गांव-गांव तक पहुंचाने के लक्ष्य पर बात की। गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से गोकशी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले गोवंश की तस्करी होती थी और गायें कत्लखानों में जाती थीं, लेकिन योगी सरकार ने शपथ लेते ही सभी कत्लखाने बंद करा दिए। उन्होंने जोर देकर कहा, “2017 से पहले गाय कसाई को देखकर कांपती थी, आज हालात उलटे हैं, कसाई गाय को देखकर कांप रहा है। इक्का-दुक्का घटनाएं जरूर होती हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह सख्त और कटिबद्ध है कि कोई भी गाय कसाई के हाथों में न जाए।” उन्होंने ‘नेशनल मिशन ऑन नैचुरल फार्मिंग’ के महत्व पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष ने बताया कि उत्तर प्रदेश की कुल आबादी लगभग 25 करोड़ है, जिसमें से करीब 2 करोड़ 86 लाख किसान परिवार खेती से जुड़े हैं। प्रदेश में गोवंश की संख्या लगभग 1 करोड़ 90 लाख है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि इस मिशन को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए, जिसका लक्ष्य प्रत्येक किसान के पास कम से कम दो गाय हों। गुप्ता ने बताया कि यदि सभी किसानों के पास दो-दो गाय हों तो साढ़े पांच करोड़ गोवंश की आवश्यकता होगी। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ चला रही है। इस योजना के तहत गौशालाओं से गायें किसानों को दी जा रही हैं। किसान यदि एक गाय लेते हैं तो उन्हें 1500 रुपए प्रति माह और चार गाय लेने पर 6 हजार रुपए प्रति माह की आर्थिक मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से न तो अब गायें सड़कों पर दिखेंगी और न ही गौशालाओं में ही बंद रहेंगी। किसानों को हरे चारे के उत्पादन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। अमूल नेपियर, गन्ना घास, गिनी घास और जीजूआ घास जैसे चारे एक बार लगाने पर पांच से छह साल तक उपलब्ध रहते हैं।
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