गोरखपुर में स्वदेशी मेला का भव्य आयोजन…VIDEO:मिट्टी, जूट और मधुबनी कला ने खींचा का ध्यान, लोग खूब लेते रहें सेल्फी
गोरखपुर के चंपा देवी पार्क में यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेला–2025 का भव्य आयोजन किया गया है। इस मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 अक्टूबर को किया। गोरखपुर में यह मेला 10 से 18 अक्टूबर तक चलेगा। मेला शुरू होने के पहले ही दिन से दूर-दूर से लोग इसे देखने आ रहे हैं। पहले देखिए कुछ तस्वीरें… इस स्वदेशी मेले में कुल 100 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां देशभर की पारंपरिक कलाएं और हस्तनिर्मित वस्तुएं प्रदर्शित की जा रही हैं। हस्तकला, टेराकोटा, मधुबनी पेंटिंग, मिट्टी से बने दीए और ग्लास, मिट्टी की ज्वेलरी, जुट से बने बैग, स्वदेशी अगरबत्ती-धूपबत्ती और वेस्ट मटेरियल से बने सजावटी सामान लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। मेले में आए लोगों ने बताया कि यहाँ की चीजें न सिर्फ सुंदर हैं बल्कि भारतीय संस्कृति और कला का शानदार प्रदर्शन करती हैं। खास बात यह है कि सभी स्टॉल बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराए गए हैं ताकि छोटे उद्यमी और कारीगर अपने उत्पादों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा सकें। मधुबनी आर्ट की प्रोपराइटर शुभांगी अग्रवाल ने बताया कि “मैं एक मधुबनी आर्टिस्ट हूं। सरकार की तरफ से मुझे यह स्टॉल मिला है। मेरे साथ 10 और महिलाएं इस कार्य को कर रही हैं। मिथिलांचल की धरोहर को पूर्वांचल में बढ़ावा देने के लिए मैं योगी जी को धन्यवाद कहना चाहती हूं।” ‘अतरंगी कलाकारी’ की दीपिका सिंह ने बताया कि “मैं टेरा कोटा के अंतर्गत ज्वेलरी बनाती हूं, जो लोगों को काफी पसंद आ रही है। इसमें कान से लेकर गले का सेट तक सभी प्रकार की ज्वेलरी उपलब्ध है।” जुट बैग निर्माता आराधन सामंत ने बताया कि “मेरा कारोबार जटेपुर उत्तरी में है। मैं विशेष तौर पर जुट से बने बैग, जरी वाले पर्स और थैले बनाती हूं। यहाँ आने वाले लोग मेरे उत्पादों को बहुत पसंद कर रहे हैं।” सोलेरियन ग्रीन एनर्जी के एक कर्मचारी ने बताया कि “पीएम सूर्य घर योजना के तहत सोलर लगाए जा रहे हैं। इससे हम बिजली की बचत कर सकते हैं और पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।” मेले में आए एक दर्शक ने कहा कि “स्वदेशी वस्तुओं को लेकर सरकार जो बढ़ावा दे रही है, उसके लिए धन्यवाद! हमने अभी खादी आश्रम से वस्त्र खरीदा है और बहुत अच्छा अनुभव रहा।” स्वदेशी मेले में पारंपरिक कला, स्थानीय कारीगरों की मेहनत और भारतीय संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा है। लोग न केवल खरीदारी कर रहे हैं बल्कि स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संदेश भी दे रहे हैं।
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