गोरखपुर में विद्युत कर्मियों ने बिजली बचाने का लिया संकल्प:निजीकरण और उत्पीड़न के खिलाफ निर्णायक संघर्ष की तैयारी

गोरखपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ऑनलाइन बैठक में शहीद ए आजम भगत सिंह की जन्म जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र में बिजली को बचाने का संकल्प लिया गया। समिति ने स्पष्ट किया कि बिजली कर्मी गरीबों को सस्ती बिजली देने और निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों के बलिदान के बाद मिली संपत्तियों को कुछ चुनिंदा निजी घरानों को सस्ते दाम में बेचना क्रांतिकारियों के सपनों के साथ विश्वासघात है। समिति ने निजीकरण के खिलाफ लगातार संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया। प्रदेश के गरीब जनपदों में संकट संयोजक इंजीनियर पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि बिजली सेवा है, व्यापार नहीं। गरीबों को लागत से कम मूल्य पर बिजली देने के लिए इसे सार्वजनिक क्षेत्र में रखा गया था। उन्होंने चेताया कि निजीकरण से बिजली महंगी होगी और गरीबों को इसका अधिक बोझ उठाना पड़ेगा। कार्यवाहक संयोजक इंजीनियर जीवेश नंदन ने बताया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले 42 सबसे गरीब जनपदों की बिजली निजी घरानों के हाथ जाने पर विकास प्रभावित होगा। सहसंयोजक संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली दरें कम से कम तीन गुना बढ़ सकती हैं, और घरेलू बिजली की दरें 13 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती हैं। बड़ा वित्तीय नुकसान और आरएफपी दस्तावेज सहसंयोजक प्रभुनाथ प्रसाद और कोषाध्यक्ष संगमलाल मौर्य ने बताया कि लगभग एक लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को मात्र 6,500 करोड़ रुपये में बेचने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही 42 जनपदों की जमीन को सिर्फ एक रुपये की लीज पर निजी घरानों को देने का प्रस्ताव है। विद्युत कर्मियों ने आज पूरे प्रदेश में शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध में सभी जनपदों में निर्णायक संघर्ष हेतु व्यापक जन संपर्क अभियान शुरू किया।

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