गोरखपुर में राप्ती-रोहिनी नदियों का जलस्तर बढ़ा:गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, फसलें डूबीं; लोग ऊंचे स्थानों पर हुए शिफ्ट
नेपाल के पहाड़ी इलाकों और गोरखपुर सहित तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही तेज बारिश से राप्ती और रोहिनी नदियां उफान पर हैं। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है और लगातार वृद्धि जारी है। रविवार सुबह तक के जलस्तर के अनुसार राप्ती नदी 75.220 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 0.24 मीटर ऊपर है। वहीं रोहिनी नदी 83.380 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 0.94 मीटर ऊपर है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो दोनों नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है। नदियों के लगातार बढ़ते जलस्तर से राप्ती किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। भटपुरवा, केवटान, कोइलीखास, पिडहनी, मरकडी, खोहियापट्टी, हिंगुहार, लखनौरी, लखनौरा, मोहन पौहरिया, मछरगांवा, सूबेदारनगर माझा, बिहुआ उर्फ अगलगौवा, मंझरियां और बड़गों जैसे गांवों में खेतों और घरों तक पानी पहुंच गया है। खेतों में खड़ी धान और सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। कई जगह कच्चे रास्तों पर घुटने तक पानी भर जाने से गांवों के बीच संपर्क मार्ग टूटने लगे हैं। कुछ गांवों में स्कूलों और पंचायत भवनों में भी पानी घुसने की खबर है। ग्रामीणों में दहशत
पानी का स्तर तेजी से बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कई घरों के आंगन और कच्चे मकानों के भीतर तक पानी पहुंचने से लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश कर रहे हैं। कुछ परिवार पक्के मकानों की छतों पर या नजदीकी बांधों पर शरण लेने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बारिश का क्रम नहीं थमा तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई लोग अपने घरेलू सामान, पशुओं और अनाज को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं। प्रशासन हाई अलर्ट पर, राहत कार्य शुरू
बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने नदी किनारे के सभी निचले इलाकों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सभी बाढ़ राहत केंद्रों को सक्रिय कर दिया गया है। प्रभावित गांवों में बसों, ट्रैक्टर-ट्रॉली और नावों की व्यवस्था की गई है ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें 24 घंटे अलर्ट पर हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। स्वास्थ्य और पशुधन के लिए विशेष इंतजाम
प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीम भेजने के निर्देश दिए हैं। पशुपालन विभाग की टीमें भी गांवों में मवेशियों के लिए चारा और दवाओं की व्यवस्था में लगी हैं। जलभराव वाले इलाकों में संक्रमण फैलने का खतरा देखते हुए साफ-सफाई और दवा छिड़काव का काम शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने जलस्तर पर लगातार नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही जलस्तर में और बढ़ोतरी होगी, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा। बाढ़ग्रस्त गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों की मदद के लिए पंचायत स्तर पर टीमें तैनात कर दी गई हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Leave a Reply