गोरखपुर में दूसरे दिन भी उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़:दाऊदपुर स्थित काली मंदिर में लगी कतार, भक्त बोलें- अद्भुत माहौल
गोरखपुर में शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन भी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। हर तरफ भक्तिमय माहौल का अद्भुत नजारा देखने को मिला। दाउदपुर स्थित काली मंदिर में सुबह से ही भक्त पहुंचाना शुरू कर दिए। इसके अलावा शहर के कुछ प्रसिद्ध मंदिर दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं से भरा रहा। मंदिर का कपाट खुलते ही दर्शन के लिए लोग उमड़ गए। जय माता दी के उद्घोष से मंदिर परिसर गूंज उठा। जगह-जगह पंडाल में माता की भजनों की धुन सुनाई पड़ रही है। माता की चुनरी,फूल और नारियल से पूरा मार्केट गुलजार रहा। मंदिरों में माता का शृंगार देखते बन रहा। भक्तों ने कहा- पूरे नवरात्रि एक अलग ही माहौल रहता है। जहां निकलों माता का भजन सुनाई देता है। इन दिनों अद्भुत महसूस होता है, लगता है माता की शक्ति मिल रही है। 200 साल पुराना है दाउदपुर के काली मंदिर का इतिहास गोरखपुर शहर के दाउदपुर स्थित काली मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। मंदिर के पुजारी विजय शंकर पांडेय ने बताया- इस मंदिर का नाम ही प्राचीन काली मंदिर है। दस्तावेजों के इसका दो सौ साल पुराना रिकॉर्ड है। उससे भी बहुत पहले से इस मंदिर का अस्तित्व है। जिससे विषय में किसी को सटीक जानकारी नहीं है लेकिन साल 1870 में कागज़ों में इस मंदिर का नाम दर्ज है। प्राचीन काली मंदिर का महत्त्व पुजारी ने बताया- गोरखपुर और आसपास के इलाके में यह मंदिर अत्यंत प्रचलित है। यह न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और चमत्कारों का प्रतीक है। भक्त मानते हैं कि मां काली यहां अत्यंत सिद्ध हैं। सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। शहरवासी नए व्यापार, शादी-ब्याह या किसी महत्वपूर्ण कार्य से पहले यहां आशीर्वाद जरूर लेते हैं। चैत्र और शारदीय दोनों नवरात्रि में विशेष पूजन-अर्चना होती है, और दूर-दूर से भक्त आते हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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