गोरखपुर में कल दिन-रात होंगे बराबर:सूर्य पूर्व से उगेगा और पश्चिम में अस्त होगा, रात 11:49 बजे होगा शरद संपात

गोरखपुर में कल यानी सोमवार को शरद संपात (इक्वीनोक्स) का दिन होगा। इस दिन पूरे शहर में दिन और रात लगभग बराबर रहेंगे। खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि यह खगोलीय घटना तब घटित होती है जब सूर्य पृथ्वी की भूमध्य रेखा को पार करता है। इसके कारण पूरे क्षेत्र में दिन और रात की लंबाई लगभग समान हो जाती है। अमर पाल सिंह ने बताया कि इक्वीनोक्स का अर्थ लैटिन में “समान रात” होता है। गोरखपुर समेत उत्तरी गोलार्ध में इस दिन शरद ऋतु की शुरुआत होती है। दक्षिणी गोलार्ध में यह वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है। यह दिन मौसम, कृषि चक्र और प्राकृतिक संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। गोरखपुर में सूर्य का दृश्य गोरखपुर में कल यानी सोमवार से सूर्य बिल्कुल पूर्व दिशा में उगेगा और पश्चिम दिशा में अस्त होगा। रात 11:49 बजे दिन और रात लगभग बराबर होंगे। खगोलविद ने चेताया कि सूर्य को सीधे न देखें। केवल प्रमाणित सूर्य चश्मे, सोलर फ़िल्टर युक्त दूरबीन या पिन-होल कैमरा का ही उपयोग करें। अमर पाल सिंह ने बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5° झुकी हुई है, यही कारण है कि ऋतु परिवर्तन होते हैं। सितंबर संपात के बाद गोरखपुर समेत उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और रातें लंबी होने लगती हैं। यह संकेत है कि शरद ऋतु की शुरुआत हो चुकी है। प्राचीन मान्यताएँ और इक्वीनोक्स का महत्व प्राचीन सभ्यताओं में इक्वीनोक्स को विशेष महत्व दिया गया। मिस्र और माया सभ्यता में पिरामिड और मंदिरों का निर्माण इस दिन सूर्य की किरणों के अनुसार किया गया। भारत में भी प्राचीन पंचांग और खगोल विज्ञान में इसे ऋतु परिवर्तन और कृषि चक्र का संकेत माना गया। गोरखपुर के किसान और स्थानीय समाज भी इस दिन को मौसम के बदलाव और फसल चक्र के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानते हैं। अमर पाल सिंह ने बताया कि 22 सितंबर के बाद गोरखपुर में दिन धीरे-धीरे छोटे और रातें लंबी होने लगेंगी। सूर्य की किरणें सीधे भूमध्य रेखा पर पड़ेंगी और उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु का प्रभाव महसूस होगा।

Read More

Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर