गोरखपुर में ओल्ड वाशिंग पिट निर्माण धीमा:2026 तक नई ट्रेनों का संचालन टला, रेलवे ने लिया मेगा ब्लॉक
गोरखपुर से प्रस्तावित नई ट्रेनों का संचालन फिलहाल ठप है। इसका मुख्य कारण है गोरखपुर जंक्शन पर स्थित ओल्ड वाशिंग पिट का नवनिर्माण कार्य धीमी रफ्तार से चलना। वंदे भारत समेत अन्य नई ट्रेनों की शुरुआत अब अगले साल अप्रैल के बाद ही संभव होगी। करीब पांच महीने पहले शुरू हुए ओल्ड वाशिंग पिट के निर्माण का अब तक केवल 30 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है। रेलवे गति शक्ति विभाग ने इस पिट के लिए 30 मार्च 2026 तक मेगा ब्लॉक घोषित किया है। इस दौरान पिट बंद रहेगा, जिससे ट्रेनों की सफाई, धुलाई और अनुरक्षण नहीं हो पाएगा। गति शक्ति के मुख्य परियोजना प्रबंधक ने बताया कि पिट नंबर एक के पुनर्निर्माण के लिए 19 मई से चार दिसंबर 2025 तक ब्लॉक लिया गया था। लेकिन तकनीकी समस्याओं की वजह से काम आधा-अधूरा रह गया। अब विभाग ने ब्लॉक की अवधि 30 मार्च 2026 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। मई से प्रभावित ट्रेनों की स्थिति
19 मई से गोरखपुर से चलने वाली कई ट्रेनें प्रभावित हैं। इनमें गोरखपुर-आंनदविहार साप्ताहिक एक्सप्रेस, गोरखपुर-एलटीटी, गोदान, गोरखपुर-पुणे और साबरमती एक्सप्रेस शामिल हैं। इनका अनुरक्षण फिलहाल अन्य स्टेशनों के वाशिंग पिट पर किया जा रहा है। इसके कारण मार्गों में बदलाव और प्लेटफॉर्म पर विलंब हो रहा है। यात्रियों को लंबा समय लग रहा है और यात्रा असुविधाजनक हो रही है। वंदे भारत ट्रेन की भी राह अटकी
गोरखपुर से प्रस्तावित सेमी हाईस्पीड गोरखपुर-आगरा वंदे भारत ट्रेन भी फिलहाल अटकी हुई है। यांत्रिक विभाग के अनुसार, नया वाशिंग पिट पहले से ही अपनी क्षमता से अधिक ट्रेनों की सफाई और अनुरक्षण में लगा हुआ है। इसलिए अभी नई ट्रेनों को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता। रेलवे अधिकारियों ने लिया संज्ञान
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक उदय बोरवनकर ने हाल ही में ओल्ड वाशिंग पिट का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में तेजी लाएं और गुणवत्ता के साथ तय समय में इसे पूरा करें। ताकि गोरखपुर से नियमित ट्रेनों का संचालन जल्द बहाल हो सके और यात्रियों को राहत मिल सके।
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