गोरखपुर में ईद मिलादुन्नबी समारोह:अमन और मुहब्बत का संदेश, पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षा पर दिया जोर

गोरखपुर के गाजी रौजा स्थित आइडियल मैरेज हाउस में अजीमुश्शान जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें शहर के कई धर्मगुरु और समाजसेवी मौजूद रहे। कार्यक्रम का स्वागत मौलाना अयाज अहमद ने किया और अध्यक्षता कारी फुरकान अहमद ने संभाली। संचालन का जिम्मा मौलाना फिरोज अहमद ने निभाया। कार्यक्रम में कारी मुहम्मद अनस रजवी की हिंदी में लिखित पुस्तक ‘द स्टोर ऑफ हजरत अबू बकर व उमर’ का विमोचन मुख्य अतिथि के हाथों किया गया। यह पुस्तक इस्लामी इतिहास और शिक्षाओं पर आधारित है और उपस्थित जनों ने इसे बहुत सराहा। मुख्य अतिथि ने दिया शिक्षा और संदेश
मुख्य अतिथि अलजामियतुल अशरफिया मुबारकपुर के मौलाना मसऊद अहमद मिस्बाही ने पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जिंदगी और उनकी सीरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म का असली मिशन तौहीद, अमन और मुहब्बत है। मौलाना मसऊद ने बताया कि किसी भी देश का विकास तभी संभव है जब वहां अमन, भाईचारा और आपसी प्रेम का माहौल हो। उन्होंने लोगों को पैगंबर-ए-इस्लाम की बताई राह पर चलने और उनके आदर्शों को अपनाने की सलाह दी। मौलाना मसऊद ने नमाज की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यह इंसान को हर बुराई से दूर रखती है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को खुद नमाज अदा करनी चाहिए और अपने परिवार को भी इसे नियमित रूप से पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि ने साझा की बातें
विशिष्ट अतिथि मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि तौहीद और अमन इस्लाम की पहचान हैं, जबकि इंसानियत इसकी धरोहर है। उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम ने पूरी दुनिया को यही संदेश दिया कि मानवता और शांति के बिना समाज का स्थायी विकास संभव नहीं है। दुआओं के साथ हुआ जलसे का समापन
जलसे का अंत दरूदो सलाम के साथ हुआ, जिसमें मुल्क में मुहब्बत, तरक्की, अमन और सलामती की दुआ मांगी गई। इस अवसर पर हाजी उबैद अहमद खान, अब्दुल मतीन फैजी, कारी नसीमुल्लाह, कारी सरफुद्दीन मिस्बाही, नजरे आलम कादरी, हाफिज एमादुद्दीन, हाफिज रहमत अली, मुजफ्फर हसनैन रूमी, नवेद आलम, कारी मुहम्मद अनस रजवी और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर