गोरखपुर करंट हादसे में अधिकारियों पर कार्रवाई:SDO और JE निलंबित, 6 निविदाकर्मियों की बर्खास्तगी की सिफारिश

गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े मोगलहा में 18 वर्षीय युवती साक्षी उर्फ प्रज्ञा की करंट से मौत के मामले में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है। अधीक्षण अभियंता ग्रामीण वितरण मंडल द्वितीय दीपक कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर राप्तीनगर के SDO और उपकेंद्र के JE को निलंबित करने की सिफारिश की गई। साथ ही राप्तीनगर के अधिशासी अभियंता अभिषेक कुमार के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया। निविदाकर्मियों पर भी बड़ी कार्रवाई
जांच रिपोर्ट में 6 निविदाकर्मियों को बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है, जिनमें उपकेंद्र का सब स्टेशन ऑपरेटर भी शामिल है। चार कर्मचारियों को पहले ही दो दिन पहले मौखिक रूप से काम से रोका गया था। इन निविदाकर्मियों का कहना है कि उन्हें अब तक कोई लिखित नोटिस नहीं मिला। उनका दावा है कि उन्होंने केवल अभियंताओं के निर्देशों का पालन किया, लेकिन अब उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। हादसे की पूरी कहानी
मोगलहा के राजी सेमरा नंबर दो निवासी शिक्षिका शशिबाला मौर्या ने अपने मकान की पहली मंजिल का निर्माण कराया था। मकान की छत पर 11 हजार वोल्ट की बिजली लाइन गुजर रही थी। बिजलीकर्मियों ने अवैध रूप से 5 और 11 अगस्त को शटडाउन दिया था। 14 सितंबर को जब साक्षी छत पर गई, तो करंट की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। एक महीने में दूसरी बड़ी कार्रवाई
करीब एक महीने पहले भी निगम के तीन अभियंता निलंबित हो चुके हैं। अब अधिकारियों और निविदाकर्मियों पर दोबारा कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल और प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने साफ कहा कि लापरवाही करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर