गैर इरादतन हत्या को दोषी के 7 साल की सजा:एटा कोर्ट ने चार आरोपियों को किया बरी, 8 साल से चल रहा था केस
एटा जनपद के फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय ने वर्ष 2017 में दर्ज गैर इरादतन हत्या के प्रयास मामले में मुख्य आरोपी को सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने इस प्रकरण में चार अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। मुख्य आरोपी नाथू सिंह पुत्र तोताराम, निवासी नगला भटमई, थाना बागवाला को सात साल की सजा के साथ 10,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायालय ने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस और दलीलें सुनकर यह निर्णय लिया। इस मामले में सत्यम पुत्र नत्थू सिंह, रामू, नत्थूसिंह, चंद्रशेखर पुत्र नेत्रपाल और कमल सिंह पुत्र सौदान सिंह को न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया है। यह मामला वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था और पुलिस ने 2018 में इस प्रकरण में चार्जशीट दायर की थी। अपर जिला जज एफ टी सी द्वितीय सुधा की अदालत में इसकी सुनवाई चल रही थी। न्यायालय ने गवाहों और सबूतों के आधार पर विद्वान अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनते हुए मुख्य आरोपी नाथू सिंह को दोषी पाया। आरोपियों पर तोताराम को पीट-पीटकर घायल करने का आरोप था। मुकदमे के वादी ज्ञानेंद्र प्रताप पुत्र महिपाल, निवासी मानपुर बागवाला, और गवाहों की गवाही भी निर्णय का आधार बनी। अभियोजक यतेंद्र प्रताप सिंह और सर्वेश कुमार चौहान ने बताया कि यह मामला गैर इरादतन हत्या के प्रयास से संबंधित था।
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