गृह मंत्रालय में तैनात बेटे की मां लखनऊ में मिली:काउंसलिंग के बाद बता पाईं पता, 8 दिन पहले दिल्ली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी
लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल गेट पर बेसुध पड़ी मिली 65 वर्षीय सुबोध देवी 8 दिन बाद जब अपने बेटे से मिली तो रो पड़ीं। गृह मंत्रालय में तैनात बेटा भी अपने आंसू नहीं रोक पाया। दोनों को गले लगकर रोता देख आस पास मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं। विकास कुमार गृह मंत्रालय में तैनात हैं और अपनी मां की तलाश में लगातार प्रयास कर रहे थे। 29 सितंबर को सूचना मिली थी कि लोकबंधु अस्पताल गेट के बाहर एक महिला बेसुध पड़ी हैं। वन स्टॉप सेंटर की टीम तुरंत वहां पहुंची और उन्हें अपने संरक्षण में लिया था। वन स्टॉप के संरक्षण में थी महिला महिला की हालत नाजुक थी। टीम ने उन्हें नहलाया, साफ कपड़े पहनाए, भोजन कराया और प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया। धीरे-धीरे उनकी तबीयत सुधरी, लेकिन पहचान और पता बताना उनके लिए मुश्किल था। काउंसलिंग से मिला सुराग टीम ने सुबोध देवी की काउंसलिंग शुरू की। पहली बार में वे केवल इतना बता पाईं कि उनका ताल्लुक बिहार से है। इसके आधार पर पुलिस ने खोज शुरू की, लेकिन कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी। दूसरी काउंसलिंग में उन्होंने दिल्ली में रहने वाले बड़े बेटे विकास का नाम लिया। यह सुराग अहम साबित हुआ। जांच में सामने आया कि विकास ने अपनी मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और उनकी तलाश कर रहे थे। 8 दिन बाद हुआ मां-बेटे का मिलन वन स्टॉप सेंटर ने तुरंत विकास से संपर्क किया। 30 सितंबर को वे लखनऊ पहुंचे। जैसे ही विकास ने अपनी मां को देखा, उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने मां को गले से लगा लिया। उसी क्षण सुबोध देवी ने भी बेटे को पहचान लिया और दोनों फूट-फूटकर रो पड़े। वहां मौजूद टीम और लोग भी इस नजारे को देखकर भावुक हो गए। बेटे ने जताया आभार विकास ने नम आंखों से कहा- मेरी मां पिछले 8-9 दिन से लापता थीं। हर पल चिंता में गुजर रहा था। उन्हें इस हाल में देखना दिल दहला देने वाला था, लेकिन अब उन्हें वापस पाना मेरे जीवन का सबसे बड़ा उपहार है। वन स्टॉप सेंटर और पुलिस टीम का जीवनभर आभारी रहूंगा, जिन्होंने मेरी मां को नई जिंदगी और मुझे फिर से उनका साथ दिया।
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