गुरु तेग बहादुर यात्रा प्रयागराज से रवाना:350वीं शहादत वर्षगांठ पर दिया बलिदान, एकता का संदेश

सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहादत वर्षगांठ के उपलक्ष्य में निकली ‘हिंद की चादर’ देशव्यापी जागृति यात्रा आज प्रयागराज से अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। यह यात्रा धार्मिक स्वतंत्रता, मानवता और सत्य की रक्षा का संदेश देती है। यह ऐतिहासिक यात्रा 17 सितंबर 2025 को तख्त श्री सचखंड श्री पटना साहिब (बिहार) से शुरू हुई थी। यह देश के प्रमुख नगरों से होते हुए श्री आनंदपुर साहिब (पंजाब) तक जाएगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य गुरु तेग बहादुर साहिब के अद्वितीय बलिदान, धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के सम्मान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। 2 तस्वीरें देखिए … प्रयागराज का गुरु तेग बहादुर साहिब से गहरा ऐतिहासिक संबंध है। उन्होंने यहां छह माह नौ दिन तक तपस्या और ध्यान किया था। यह स्थान अब गुरुद्वारा पक्की संगत अहियापुर, कल्याणी देवी के नाम से जाना जाता है। यह यात्रा 7 अक्टूबर की शाम को अयोध्या से प्रयागराज पहुंची थी। खुल्दाबाद स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा, शोभायात्रा और कीर्तन दरबार के माध्यम से इसका भव्य स्वागत किया था।आज सुबह 8:00 बजे से 9:30 बजे तक गुरुद्वारे में कीर्तन दरबार, कथा, अरदास और श्रद्धा समागम का आयोजन किया गया। इसके बाद सुबह 10:00 बजे यात्रा अपनी अगली मंजिल की ओर प्रस्थान कर गई।सभा के अध्यक्ष सरदार हरजिंदर सिंह ने बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब की शिक्षाएं एकता, भाईचारे और धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की भूमि उनके तप से पवित्र है, और उनका यह पुनः आगमन हमारे लिए आध्यात्मिक गौरव का अवसर है।

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