गुरुग्राम से अगवा बच्ची 50 घंटे बाद UP से मिली:हरियाणा रेलवे पुलिस की तकनीक से बचाई; तलाश में 36 पुलिसकर्मियों की टीमें लगीं
हरियाणा की रेलवे पुलिस ने अपनी तेज़ कार्रवाई और दक्षता का शानदार उदाहरण पेश किया है। गुड़गांव रेलवे स्टेशन से 4 साल की बच्ची के अपहरण के मामले में पुलिस ने महज 50 घंटे में बड़ी कामयाबी हासिल की। बच्ची को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद कर परिजनों के हवाले कर दिया गया। यह सफलता पुलिस की तकनीकी निगरानी और जमीनी स्तर पर की गई मेहनत का नतीजा रही। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि रेलवे पुलिस का यह कदम केवल कर्तव्य निभाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इंसानियत और जनसेवा का सजीव उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस तरह की संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई न सिर्फ़ जीवन बचाती है बल्कि समाज में सुरक्षा और पुलिस पर विश्वास की भावना को भी और मजबूत करती है। यही भरोसा भविष्य में अपराध नियंत्रण और सामाजिक शांति की सबसे बड़ी ताकत बनेगा। 16 सितंबर की घटना
16 सितंबर 2025 को गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर एक सनसनीखेज घटना हुई। यहां अज्ञात आरोपी ने एक व्यक्ति को नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और मौके का फायदा उठाकर उसकी छोटी बच्ची का अपहरण कर लिया। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे पुलिस अधीक्षक नितिका गहलोत ने मामले को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए खुद कमान संभाली और तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। उनके निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक फरीदाबाद, राजेश कुमार की निगरानी में 18 रेडिंग पार्टियां बनाई गईं। इन टीमों में 3-3 पुलिसकर्मी, साइबर विशेषज्ञ और सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण करने वाले अनुभवी कर्मी शामिल किए गए, जिन्होंने मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। CCTV से मिले अहम सुराग
पुलिस ने गुड़गांव से आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसमें सामने आए संदिग्ध के चित्र आरपीएफ और रेलवे पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर प्रसारित किए गए। साथ ही, मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ टीमें राजस्थान (कोटपुतली, अलवर) और उत्तर प्रदेश (बरेली, पीलीभीत) में भेजी गईं। बच्ची को छोड़कर भागा किडनैप करने वाला
पीलीभीत रेलवे स्टेशन पर जब पुलिस टीम तलाशी कर रही थी तो आरोपी को पुलिस की सक्रियता का आभास हो गया। दबाव में आकर उसने बच्ची को वहीं छोड़ दिया और मौके से भाग निकला। पुलिस ने तुरंत बच्ची को अपनी सुरक्षा में लिया और डॉक्टरों से मेडिकल जांच कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया। बच्ची बिल्कुल सुरक्षित है। गुमशुदा बच्ची को वापिस पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना नही रहा और वे बार-बार पुलिसकर्मियों का धन्यवाद करते नजर आए। स्थानीय सहयोग और मानवीय पहल
इस पूरे अभियान में तकनीकी सर्विलांस टीम की भूमिका निर्णायक रही। साथ ही, गुड़गांव रेलवे स्टेशन के टैक्सी व ऑटो चालकों ने भी पुलिस की सक्रिय मदद की। यह सहयोग पुलिस-जन सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सामने आया। केवल पिछले एक महीने में ही जीआरपी हरियाणा ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं। रेल गाड़ियों के माध्यम से अवैध रूप से ले जाए जा रहे 24 मासूम बच्चों को सुरक्षित बचाकर उनके परिजनों तक पहुंचाया गया है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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