गाजीपुर में 450 साल पुराना शिव मंदिर ढहा:रामगंगा घाट पर हादसा, प्रशासन ने रोकी आवाजाही, प्रतिमा और घंटा अभी सुरक्षित
गाजीपुर के रामगंगा घाट पर 5 सितंबर की रात लगभग 450 साल पुराना एक शिव मंदिर ढह गया। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश को इस घटना का मुख्य कारण बताया जा रहा है। हादसे के बाद जिला प्रशासन ने रामगंगा घाट पर आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है। बताया जा रहा है कि मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा था, जिसके तहत कुछ हिस्सा पहले ही तोड़ा गया था। लगातार बारिश से मिट्टी गीली होने के कारण यह हादसा हुआ। मंदिर के 30 साल से पुजारी काशी दास ने बताया कि जिस समय मंदिर का हिस्सा गिरा, उस वक्त घाट पर मौजूद दो लोगों ने गंगा में कूदकर अपनी जान बचाई। घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर घाट पर बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया गया है और पुलिस बल तैनात किया गया है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी डॉ. धीरेंद्र कुमार राय ने पुष्टि की कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था। डॉ. राय के अनुसार, मौसम सामान्य होने पर मंदिर का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया जाएगा। तब तक घाट बंद रहेगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोई भी गंगा घाट पर न जाए। रामगंगा घाट को केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि राजा गाधि के पुत्र विश्वामित्र भगवान श्री राम और लक्ष्मण के साथ इसी स्थान पर आए थे और गंगा स्नान किया था। इसी कारण इस घाट का नाम रामगंगा घाट पड़ा। यह भी माना जाता है कि यहीं से प्रभु श्री राम गंगा पार कर ताड़ीघाट गए थे और ताड़का का वध किया था।
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