गाजियाबाद रामलीला मैदान में अनोखी प्रदर्शनी:21 पवित्र स्थलों की मिट्टी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र, श्रद्धालुओं में दिखी गहरी आस्था

गाजियाबाद के कवि नगर स्थित रामलीला मैदान में इस वर्ष रामायण मंचन के साथ एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी की मुख्य विशेषता भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े 21 पवित्र स्थलों की मिट्टी है। इन स्थानों से विशेष रूप से लाई गई मिट्टी को 21 कलशों में सुसज्जित कर रखा गया है, जिसे देखकर श्रद्धालु गहरी आस्था से भावुक हो रहे हैं। धार्मिक आस्था और सीख का संदेश
आयोजकों का कहना है कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था जगाना नहीं है, बल्कि श्रीराम के आदर्श जीवन, त्याग और मर्यादा से भी लोगों को जोड़ना है। श्रद्धालु जब इस पवित्र मिट्टी को देखते हैं तो उन्हें ऐसा अनुभव होता है मानो वे स्वयं भगवान राम के वनवास मार्ग पर चल रहे हों। पिछले साल 52 रामायणों की प्रदर्शनी
रामलीला समिति के महामंत्री भूपेंद्र चोपड़ा ने बताया कि पिछले वर्ष यहां 19 देशों की 52 रामायणों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसे हजारों लोगों ने देखा था। इस बार प्रदर्शनी को और अधिक रोचक और ज्ञानवर्धक रूप दिया गया है, ताकि दर्शक रामायण के महत्व और उसके मूल्यों को और गहराई से समझ सकें। रामायण पात्रों की झांकियां भी आकर्षण
इस बार प्रदर्शनी में रामायण के प्रमुख पात्रों की झांकियां भी लगाई गई हैं। हर पात्र के आदर्श, त्याग और मर्यादा से जुड़ा संदेश दर्शकों तक पहुंच रहा है। लोग इन झांकियों से प्रेरणा लेकर जीवन में धर्म और कर्तव्य के पालन की सीख ग्रहण कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव
21 पवित्र स्थलों की मिट्टी को प्रदर्शनी की सबसे बड़ी विशेषता माना जा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मिट्टी को देखकर उन्हें रामायण काल की स्मृतियां जीवंत महसूस होती हैं। उनके अनुसार यह प्रदर्शनी न केवल आस्था को गहरा कर रही है बल्कि समाज को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श जीवन का संदेश भी दे रही है।

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