‘खुला आश्रय गृह’ को गोद लिया राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय:प्रयागराज में कुलपति ने कहा- बच्चों के पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई जाएगी

प्रयागराज का उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अब ‘खुला आश्रय गृह’ की जिम्मेदारी उठाएगा। यहां रह रहे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनसे जुड़ी सामग्री विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मोत्सव पखवाड़े के उपलक्ष्य में शुक्रवार को कुलपति प्रो. सत्यकाम ने इस पहल की घोषणा की। कुलपति प्रो. सत्यकाम ने आश्रय गृह के बच्चों को पठन-पाठन के लिए जरूरी सामग्री भेंट की। इसमें किताबें, कॉपी, पेंसिल, रबड़, स्केल और शार्पनर जैसी चीजें शामिल थीं। इसके अलावा आश्रय गृह को एक सेट किट भी विश्वविद्यालय की ओर से सौंपा गया। उन्होंने कहा कि “बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए। विश्वविद्यालय हर संभव मदद के लिए आगे आएगा। राज्यपाल के सुझाव के बाद कदम
कुछ दिनों पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल प्रयागराज में विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई थीं। उसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया था कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुए ऐसे प्रयास करने चाहिए। उसी को आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ‘खुला आश्रय गृह’ को गोद लेने का निर्णय लिया। बाल कल्याण समिति ने दी जानकारी
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति किशोर न्याय प्रयागराज के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र ने खुला आश्रय गृह के कार्यकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा और संसाधन बेहद जरूरी हैं, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। अधीक्षिका ने जताया आभार
खुला आश्रय गृह की अधीक्षिका दिव्या त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय और कुलपति प्रो. सत्यकाम के इस कदम के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “अब बच्चों को पढ़ाई के साधन समय पर मिलेंगे और उनका मनोबल भी बढ़ेगा। विश्वविद्यालय का यह सहयोग बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाएगा।” विश्वविद्यालय का सामाजिक दायित्व
कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा देने का केंद्र ही नहीं है, बल्कि समाज की जिम्मेदारियों को निभाना भी उसका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी विश्वविद्यालय बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए लगातार योगदान देता रहेगा। वरिष्ठ शिक्षकों की मौजूदगी
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विनय कुमार, नोडल प्रभारी प्रो. पीके पांडेय, प्रो. सत्यपाल तिवारी, प्रो. एस. कुमार, प्रो. छत्रसाल सिंह, प्रो. संजय कुमार सिंह, डॉ. आनंदानंद त्रिपाठी, डॉ. गिरीश कुमार द्विवेदी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. सुरेन्द्र कुमार और डॉ. सतीश चंद्र जैसल समेत कई वरिष्ठ शिक्षक और अधिकारी मौजूद रहे।

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