खालिद-तालिब की 4 आरा मशीनों के लाइसेंस निलंबित:अवैध कटान और सरकारी जमीन पर कब्जे के आरोप में कार्रवाई
बिजनौर प्रशासन ने कारोबारी खालिद और उनके भाई तालिब पर बड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग ने प्रतिबंधित पेड़ों के अवैध कटान, वन अधिनियम के उल्लंघन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप में उनकी चार आरा मशीनों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। इसके साथ ही, तहसील सदर प्रशासन ने ग्राम छिल्लोर बंगर में अवैध रूप से विकसित की गई कॉलोनी से 109 वर्गमीटर सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया और कॉलोनी का गेट भी गिरा दिया। यह कार्रवाई भाजपा युवा मोर्चे के जिलाध्यक्ष रोबिन सिंह और कारोबारी खालिद के बीच 6 जुलाई को हुए विवाद के बाद शुरू हुई। रोबिन सिंह ने खालिद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बाद में उन्होंने जिलाधिकारी (डीएम) और मुख्यमंत्री से शिकायत कर इन कारोबारी भाइयों पर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया था। डीएम ने अवैध कब्जे की शिकायत की जांच एसडीएम सदर रितु रानी को सौंपी थी। नायब तहसीलदार सदर सार्थक चावला के नेतृत्व में राजस्व कर्मियों ने 1359 फसली के अभिलेखों के अनुसार जांच की। जांच में चांदपुर मार्ग पर स्थित ग्राम छिल्लोर बंगर में संचालित प्लाई फैक्ट्री में 140 वर्गमीटर और फैक्ट्री के पीछे भी सरकारी जमीन पर कब्जा पाया गया। तहसील प्रशासन ने जेसीबी की मदद से इस भूमि को कब्जा मुक्त कराया और सरकारी जमीन पर बने कॉलोनी के गेट को ध्वस्त कर दिया। राजस्व विभाग की जांच में तालिब बंधुओं के तीन क्रेशर भी सरकारी जमीन पर संचालित पाए गए। राजस्व अभिलेखों के अनुसार, यह जमीन 1359 फसली वर्ष की खतौनी में ‘झाड़ी जंगल’ के नाम दर्ज है। इस संबंध में उन्हें नोटिस जारी किया गया है। वन और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम ने काली मंदिर के पास, मछली बाजार चाहशीरी बी-21 और चांदपुर रोड बिजनौर स्थित तालिब एवं खालिद द्वारा संचालित आरा मशीनों की भी जांच की। जांच में सागौन और शीशम जैसी प्रतिबंधित प्रजाति की लकड़ी के अवैध कटान, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने, वन अधिनियम का उल्लंघन करने और अभिलेखों में विसंगतियों सहित कई अन्य आरोपों की पुष्टि हुई।
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