खतरनाक कफ सिरप पर यूपी में अलर्ट:बच्चों की मौत के बाद सैंपल जांच के निर्देश; मध्य प्रदेश की रिपोर्ट में ‘Diethylene Glycol’ की मिलावट, लखनऊ लैब भेजे जाएंगे नमूने
देश के कुछ राज्यों में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश में दवा विभाग सतर्क हो गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने सभी जिलों में “कफ सिरप में मिलावट” की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश की लैब रिपोर्ट में एक ब्रांड के सिरप में खतरनाक रसायन Diethylene Glycol मिलने के बाद की गई है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। सहायक आयुक्त (औषधि) दिनेश कुमार तिवारी द्वारा 5 अक्टूबर को जारी आदेश के अनुसार, ‘Sresan Pharmaceutical’ नामक कंपनी द्वारा निर्मित Coldrif Syrup (Batch No. SR-13, Mfg. May 2025, Exp. April 2027) में यह जहरीला तत्व पाया गया है। मध्य प्रदेश औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर यूपी में तत्काल जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। सभी जिलों को जांच और जब्ती के निर्देश औषधि निरीक्षकों को आदेश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों तथा मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी कर इस सिरप के नमूने एकत्र करें। कहीं भी यह उत्पाद पाया जाता है तो तुरंत उसका विक्रय रोककर नमूना अभिरक्षा में लिया जाए और रिपोर्ट दर्ज की जाए। इसके साथ ही, संबंधित फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा बनाए गए अन्य सिरप की भी जांच की जाएगी। लखनऊ लैब में होगी जांच, सभी जिलों से सैंपल भेजने के निर्देश सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे संकलित नमूनों को लखनऊ की प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु तत्काल भेजें।लैब से रिपोर्ट प्राप्त होते ही संबंधित औषधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी औषधि का नमूना एक से अधिक बार संकलित न किया जाए, ताकि दोहराव से बचा जा सके। ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए गूगल फॉर्म और शीट जारी औषधि प्रशासन ने जांच कार्य को पारदर्शी बनाने के लिए गूगल फॉर्म और गूगल शीट लिंक भी जारी किए हैं, जिनमें जिलेवार संकलित नमूनों का विवरण भरा जाएगा। सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल संकलित नमूनों की जानकारी इन ऑनलाइन पोर्टलों पर अपलोड करें, ताकि राज्य स्तर पर उसकी निगरानी की जा सके। प्रोपाइलिन ग्लाइकॉल की भी जांच होगी आदेश में यह भी कहा गया है कि औषधि निर्माणशालाओं से कफ सिरप में उपयोग किए जा रहे Propylene Glycol के नमूने भी एकत्र किए जाएं और उनका परीक्षण कराया जाए। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई मामलों में दवा में मिलाए गए ग्लाइकॉल तत्व ही बच्चों की मौत का कारण बने थे। ‘कड़ाई से पालन करें निर्देश’: FSDA सहायक आयुक्त (औषधि) दिनेश कुमार तिवारी ने कहा है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी निरीक्षक आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। यह पत्र सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर जारी किया गया है। उन्होंने कहा “कफ सिरप में मिलावट का मामला बेहद गंभीर है। यदि किसी भी स्तर पर ऐसे उत्पाद मिलते हैं तो तत्काल जब्ती और नमूना जांच की कार्रवाई की जाएगी।”
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