कौशांबी में फर्जी गैंगरेप केस मामला:जिला पंचायत सदस्य समेत 4, पुलिस ने दो बेगुनाहों को जेल जाने से बचाया

कौशांबी जिले में पुलिस ने फर्जी गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली एक महिला और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों में एक जिला पंचायत सदस्य भी शामिल है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से दो बेगुनाह व्यक्तियों को जेल जाने से बचाया जा सका। यह मामला सैनी कोतवाली क्षेत्र के मनकापुर गांव का है। हीरामनी सरोज पत्नी मूलचंद्र नामक महिला ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र दिया था। उसने आरोप लगाया था कि 26 सितंबर की शाम को बकरी चराते समय जुबेर और पप्पू नामक दो युवकों ने एक चार पहिया वाहन से आकर उसके साथ गैंगरेप किया। महिला ने स्थानीय पुलिस को सूचना न देकर अगले दिन सीधे एसपी से संपर्क किया था। एसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी जुबैर और पप्पू को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ। सर्विलांस टीम की सहायता से मोबाइल लोकेशन और अन्य डेटा की जांच की गई। इसमें पता चला कि आरोपी बनाए गए जुबैर की लोकेशन सिराथू स्थित एक अस्पताल में थी, जहां वह पिछले एक हफ्ते से अपने 5 साल के बच्चे का इलाज करा रहा था। मामले की गहनता से जांच करने पर जिला पंचायत सदस्य शेर मोहम्मद उर्फ शेरू का नाम षड्यंत्रकारी के रूप में सामने आया। पुलिस ने शेरू को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिससे पूरे मामले का खुलासा हो गया। शेरू की पूछताछ में फकीर बख्श उर्फ गुन्ना बाबा, उसके दो बेटे मोहम्मद हसन, मोहम्मद हुसैन और महिला हीरामनी के भतीजे अर्जुन के नाम भी सामने आए। जांच में पता चला कि फकीर बख्श उर्फ गुन्ना बाबा, जो एक मजार में पूजा-पाठ का काम करता था, जुबैर से पुरानी रंजिश रखता था। जुबैर ने एक बार उसकी शिकायत की थी और एक आजमीन का मामला भी था। वहीं, जिला पंचायत सदस्य शेरू की भी पप्पू से पुरानी रंजिश चल रही थी। इन्हीं रंजिशों के चलते यह पूरा षड्यंत्र रचा गया था। एसपी राजेश कुमार ने बताया कि इस मामले में अब तक महिला सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

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