कालपी कोतवाल सहित दो पुलिसकर्मी निलंबित:जालौन में दो साल पुराने जमीनी फर्जीवाड़े में कार्रवाई

जालौन के कालपी में दो साल पुराने बहुचर्चित जमीनी फर्जीवाड़े के मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई की गई है। शासन के निर्देश पर कालपी कोतवाल परमहंस तिवारी और कालपी में तैनात रहे अतिरिक्त प्रभारी तथा वर्तमान में झांसी में तैनात निरीक्षक मुहम्मद अशरफ को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से जिले की पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। जालौन के पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि जांच में गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। करीब दो साल पहले कालपी तहसील के छौंक गांव में जमीन को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। इस मामले की विवेचना के दौरान कई गंभीर चूकें पाई गईं, जिसके चलते वर्तमान कोतवाल और अतिरिक्त प्रभारी पर जिम्मेदारी तय की गई। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई मामला 28 अगस्त 2023 का है, जब छौंक गांव की एक जमीन को फर्जी आधार कार्ड के जरिए बेचा गया था। जमीन असल में विद्यावती पुत्री मुनीश्वर पत्नी रघुवीर सिंह यादव के नाम दर्ज थी, लेकिन कुछ लोगों ने साजिश कर छिद्दन पत्नी रघुवीर सिंह यादव निवासी धमना का फर्जी आधार विद्यावती के नाम से बनवाया। इसके बाद छिद्दन को विद्यावती के रूप में पेश कर जमीन का बैनामा करा दिया गया। यह जमीन करीब 2 करोड़ 17 लाख रुपये में बेची गई थी। 26 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं जालौन पुलिस ने इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जांच में पुलिस ने 17 लाख 80 हजार रुपये नकद और डेढ़ लाख रुपये की चेन बरामद की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में संदीप, नमन, महेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, मनीष, जगमोहन, जितेंद्र, सचिन, आशीष सिंह, अनमोल, आशुतोष और प्रशांत समेत कई नाम शामिल हैं। इस मामले में उरई निवासी धर्मेंद्र सक्सेना का नाम भी सामने आया था। हाल ही में वह कोलकाता से गिरफ्तार किया गया, जहां वह अंडमान-निकोबार की आईडी पर करीब 38 हजार फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में पकड़ा गया था।

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