कार वाले चोरों ने 80 हजार रुपये के फल चुराए:आधी रात को कार में भरकर ले गए महंगे महंगे फल, सातवीं बार करी वारदात
मेरठ में चोर एक फल की दुकान से पांच कुंतल वजनी करीब 80 हजार रुपये के फल चोरी कर ले गए। सुबह दुकान स्वामी आया तो माल गायब देखकर दंग रह गया। आस पास तलाश करने पर फल तो नहीं मिले लेकिन उनकी टोकरियां जरूर मिल गईं। चोर कार में आए थे जो दुकान के महंगे फल भरकर आराम से फरार हो गए। सीसीटीवी कैमरे में चोरी की यह वारदात कैद हुई है। अब एक नजर चोरी की वारदात पर
मूलरूप से बिहार निवासी धर्मेंद्र प्रसाद पुत्र कृष्ण प्रसाद मेडिकल थाना क्षेत्र के रंगोली मोड़ पर फल की दुकान लगाते हैं। रात में करीब 10 बजे तक उनकी दुकान खुली होती है। इसके बाद वह अपने फल बांधकर चले जाते हैं। अक्सर वह दुकान पर ही सोते हैं। 1 अक्टूबर की रात दशहरे के चलते वह करीब साढ़े दस बजे घर चले गए। सुबह आकर देखा तो दुकान खाली पड़ी थी और चोर दुकान से करीब 80 हजार रुपये के फल चोरी कर ले जा चुके थे। अनार, कश्मीरी सेब, बब्बू गोशा, गोल्डन एप्पल, विदेशी इमली, विदेशी खजूर, विदेशी माल्टा, अमेरिकन सेब, कश्मीरी नाग, रामफल, ड्रैगन फ्रूट, इरानी खजूर, अनानास, कीवी, सूखे नारियल पूजा वाले, केला, तरबूज, शरीफा, लाल अंगूर आदि चोरी किए गए हैं। दो साल में सात बार चोरी, खुलासा जीरो
धर्मेंद्र की दुकान में दो साल में एक-दो बार नहीं पूरे सात बार चोरी हो चुकी है। चौकाने वाली बात यह है कि चोर स्विफ्ट कार में आते हैं और बड़ी आसानी से सामान समेटकर ले जाते हैं। इससे भी चौकाने वाली बात तो यह है कि वह चोरी तब ही करते हैं, जब धर्मेंद्र या उनका भाई दुकान पर नहीं रुकते हैं। सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दे रहे चोर
फल चोरी की यह घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। आधी रात को करीब 2 बजकर 10 मिनट पर 3 चोर स्विफ्ट कार के साथ वहां आते हैं और वारदात करते हैं। करीब 10 मिनट से ज्यादा वह दुकान के आस पास मंडराते हैं। फल के टोकरे उठाकर ले जाते भी दिख रहे हैं। सात चोरी लेकिन खुलासा एक का नहीं
धर्मेंद्र प्रसाद की मानें तो उनके यहां दो साल से चोरी हो रही हैं। दो साल के भीतर यह सातवीं चोरी है। हर बार कोई ना कोई बहाना बनाकर पुलिस टरका देती थी। अभी तक 10 से 20 हजार रुपये का सामान चोरी होता था। इस बार दुकान में त्यौहार के चलते माल ज्यादा था। इस चोरी के बाद उन्होंने तय कर लिया कि वह काम बंद कर देंगे लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत दी। तब जाकर उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई। कहीं बैटरी चुराने वाले तो नहीं फल चोर
कुछ साल पहले शहर में एक ऐसे गिरोह का आतंक था जो कार से चोरी की वारदात करता था। रात के अंधेरे में कार लेकर निकलता और घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों के बोनट खोलकर फरार हो जाता। गाड़ियों के बाद उस गिरोह ने दुकानों के बाहर रखे जेनरेटर सेट से बैटरी चुरानी शुरु की। फल चोरों का अंदाज भी वैसा ही है जो बैटरी चोरों का था।
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