कवि सर्वेश मिश्र का काव्य संग्रह ‘यथार्थ’ लोकार्पित:लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने किया विमोचन

लखनऊ विश्वविद्यालय के एपी सेन सभागार में शनिवार को उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत कवि सर्वेश कुमार मिश्र के काव्य संग्रह ‘यथार्थ’ का विमोचन किया गया। पूर्व कैबिनेट मंत्री और सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने पुस्तक का विमोचन किया। प्रो. जोशी ने ‘यथार्थ’ को समाज का दर्पण बताया, जिसमें चेतना, करुणा, संवेदना और साहस का सुंदर समन्वय है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी अब डिजिटल माध्यमों से अधिक पढ़ रही है। उन्होंने साहित्य को संस्कृति का संरक्षक बताते हुए मिश्र की लेखनी और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की। उन्होंने सर्वेश मिश्र को हर दो वर्षों में एक नई कृति लाने का सुझाव भी दिया। यह पुस्तक 50%छूट पर उपलब्ध कराई गई है। साहित्य समाज का सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार व पूर्व आईएएस डॉ. राम मनोहर मिश्र ने पुस्तक की गहन समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इसमें आम जनजीवन की पीड़ा और अनुभवों को मार्मिकता से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने माँ पर लिखी एक कविता का उल्लेख करते हुए साहित्य को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला माध्यम बताया। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. पवन अग्रवाल ने ‘यथार्थ’ को ‘स्वान्तः सुखाय और बहुजन हिताय’ का उदाहरण बताते हुए कल्पना और यथार्थ के संतुलन की प्रशंसा की। साहित्यकार पवनपुत्र बादल ने लेखक की भावनाओं की तुलना कन्यादान करते पिता से की, जबकि मुक्तिनाथ झा ने इसे साहित्य की पांचों विधाओं का समन्वय बताया। संग्रह में 78 कविताएं संपादक सुरेंद्र अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि इस संग्रह में कुल 78 कविताएं हैं, जो समाज की विसंगतियों और मानवीय सरोकारों को दर्शाती हैं। श्रवण कुमार सेठ और अमरेंद्र द्विवेदी ने कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और माल्यार्पण से हुआ। श्री अशोक शुक्ल व प्रो. बलवंत सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। अंत में कवि सर्वेश कुमार मिश्र ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/EcyqsFN