कफ सिरप प्रकरण में डाॅ के स्पोर्ट में उतरा आईएमए:मेरठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा त्यागी बोली- दवा की खराब गुणवत्ता का जिम्मेदार डॉक्टर नहीं

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने के कारण कई बच्चों की मौत होने पर डॉक्टर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आईएमए द्वारा इसका विरोध भी किया गया है उनका कहना है कि डॉक्टर ने दवा लिखी है उस दवा में क्या मिलावट है और वो जांच के बाद भी बाजार में कैसे आई इसका दोष सरकार डॉक्टर पर डाल रही है। इसी को लेकर मेरठ IMA की अध्यक्ष डॉ मनीषा त्यागी ने भी कुछ बाते दैनिक भास्कर से साझा की और डॉक्टर का समर्थन किया। डॉक्टर पर दवा की जांच की सुविधा नहीं डॉ मनीषा त्यागी ने कहा कि डॉक्टर मरीज की हालत देखते हुए उसके लिए दवा लिखता है, वह दवा कंपनी द्वारा कैसे तैयार की गई है , क्या वह उन सभी मानको को पूरा कर रही है जो उस पर लिखे गए हैं इसकी जांच की कोई सुविधा डॉक्टर पर नहीं होती है। ऐसे में दवा की कमी का दोष डॉक्टर को देना गलत है। सरकारी मानकों को पार कर बाजार में आती है दवा उन्होंने कहा कि कोई भी दवा सरकार के मानकों की जो 3 श्रेणियां बनाई गई हैं उनको पार करने के बाद ही बाजार में आती है। ऐसे में हम यही मानते है कि वह सही ही है, ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट के तहत की वह मानक पूरे करने के बाद बाजार में आती है। इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला सॉल्वेंट मिला उन्होंने बताया कि सिरप की जांच में पता चला है कि जिस सॉल्वेंट में वह दवा तैयार की गई है, वह इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला है। यह किडनी पर बहुत गलत प्रभाव डालता है , ऐसी दवा बाजार में आई इसलिए ऐसी अनहोनी बच्चों के साथ हुई। बच्चों के लिए दुख लेकिन सरकार का फेलियर डॉ मनीषा त्यागी ने कहा कि जैसी घटना हुई है उसमे मै पूरे डॉक्टर परिवार की और से उन बच्चों को श्रद्वांजलि देती हूं लेकिन इस प्रकरण में सरकार का यह फेलियर ही सामने आया है। ऐसा इसलिए है कि एक दवा जो गलत तरीके से तैयार होकर बाजार में आई लेकिन कहीं किसी मानक या संबंधित विभाग द्वारा उसको नहीं रोका गया।

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