ओपन यूनिवर्सिटी में RSS की पढ़ाई पर कांग्रेस का हमला:प्रमोद तिवारी बोले महात्मा गांधी की हत्या के बाद लौह पुरुष ने लगाया था प्रतिबंध
प्रयागराज उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी, प्रयागराज में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की घोषणा के बाद सियासत गर्म हो गई है। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम की ओर से गांधी जयंती के मौके पर की गई इस घोषणा पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में डिप्टी लीडर प्रमोद तिवारी ने कहा है कि आरएसएस का इतिहास विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाना न केवल शैक्षिक रूप से विवादास्पद है, बल्कि इससे देश की छवि भी धूमिल होगी। उन्होंने कहा कि जब आरएसएस का इतिहास पढ़ाया जाएगा तो सच्चाई सामने आएगी और यह सच्चाई संघ के लिए असहज करने वाली होगी। इसलिए बेहतर होगा कि सच्चाई को छिपा ही लिया जाए। प्रमोद तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद देश के पहले गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने आरएसएस को पत्र लिखकर कहा था कि गांधीजी की हत्या के लिए संघ के जहरीले विचार जिम्मेदार हैं। यह पत्र आज भी सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। उन्होंने आगे कहा कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब पूरा देश अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर रहा था, तब आरएसएस ने देशवासियों से आंदोलन में शामिल न होने की अपील की थी। एक ओर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आज़ादी के लिए लड़ रही थी, वहीं दूसरी ओर आरएसएस के लोग अंग्रेजों का साथ दे रहे थे और ब्रिटिश फौज में भर्ती हो रहे थे। कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि क्या विश्वविद्यालय आरएसएस के इतिहास के इन ‘काले पन्नों’ को भी छात्रों को पढ़ाएगा? इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री द्वारा आरएसएस स्वयंसेवकों और भारत माता की छवि वाले 100 रुपए के सिक्के के विमोचन पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को यह विचार करना चाहिए कि क्या ऐसी सच्चाई के साथ कोई सिक्का जारी करना उचित है?”
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