उन्नाव में रामलीला महोत्सव:कैकेई–दशरथ संवाद ने किया भावुक, जयकारों से गूंजा पंडाल
उन्नाव के शुक्लागंज स्थित पोनी रोड पर चल रहे रामलीला महोत्सव में शुक्रवार रात श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। पांचवें दिन मंचित राम बारात, राम कलेवा, सीता जी की विदाई, दशरथ प्रतिज्ञा, मंथरा–कैकेई संवाद और कैकेई–दशरथ संवाद के दृश्यों ने माहौल को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया। देर रात तक दर्शकों ने जयकारों के बीच मंचन का आनंद लिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कैकेई और दशरथ संवाद रहा। मंच पर जैसे ही मंथरा–कैकेई का दृश्य प्रस्तुत हुआ, श्रद्धालुओं को लगा मानो त्रेतायुग की घटनाएं आंखों के सामने जीवंत हो गई हों। मंथरा के कटु वचनों से रानी कैकेई का परिवर्तित मन और दशरथ द्वारा राम को वनवास देने का संकल्प देख दर्शकों की आंखें नम हो गईं। इस संवाद ने पंडाल में गमगीन माहौल बना दिया। लक्ष्मण–परशुराम संवाद ने बांधा समां स्वामी नारदानंद दशहरा महोत्सव एवं श्रीरामलीला मंचन के दौरान लक्ष्मण–परशुराम संवाद की भव्य प्रस्तुति भी हुई। हमरीपुर से आए पंडित सर्वेश द्विवेदी ने इस संवाद को मंचित किया, जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए। दमदार अभिव्यक्ति और भावपूर्ण संवादों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कथा वाचन से गूंजा माहौल मंचन से पहले आचार्य अखिलेश मोहन मिश्रा ने भागवत कथा का वाचन कराया। उनके मुखारविंद से कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथा के दौरान जगह-जगह तालियों और जयकारों से पंडाल गूंजता रहा। नई पीढ़ी को रामायण से जोड़ने का प्रयास रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि हर दिन अलग-अलग प्रसंगों का मंचन हो रहा है। इसमें स्थानीय कलाकारों के साथ बाहर से आए कलाकार भी अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को रामायण की शिक्षाओं से परिचित कराना और समाज में आदर्श मूल्यों की स्थापना करना है। देर रात तक गूंजे जयकारे पांचवें दिन का आयोजन अत्यंत सफल रहा। श्रद्धालु देर रात तक मंचन का आनंद लेते रहे। घर लौटते समय भी उनके मुख से भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/nkOyrDI
Leave a Reply