उत्तराखंड-UP के लोगों ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत-सामग्री जुटाई:अमृतसर के गांवों में कर रहे मदद; दसवंद निकाल किया फंड इकट्ठा
पंजाब में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ ने किसानों की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खेतों में पानी भरने से फसलें तबाह हो गई। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ऐसे मुश्किल वक्त में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों से पंजाबी भाईचारे ने इंसानियत और सेवा की एक मिसाल पेश की है। उत्तराखंड के बाजपुर क्षेत्र से गुरुद्वारा साहिब प्रबंधक कमेटी की अगुआई में संगतों ने दसवंध (कमाई का दसवां हिस्सा) के रूप में 1 करोड़ 60 लाख रुपए एकत्र किए और पंजाब के बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए खाद, बीज और डीजल लेकर सीधे प्रभावित गांवों तक पहुंचे। यह सहायता विशेष रूप से अजनाला के बाढ़ प्रभावित गांव फुले, वंजावाला और कमीरपुरा में पहुंचाई गई, जहां सैकड़ों किसानों को गेहूं के बीज, खाद और डीजल वितरित किया गया। इस सेवा कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रहे मंगा सिंह (प्रधान, गुरुद्वारा कमेटी बाजपुर) और भारतीय किसान यूनियन के नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि वे एक महीने पहले स्वयं पंजाब आए थे और तबाही के हालात देखे। जब तक जरूरत, तब तक जारी रहेगी सेवा उन्होंने कहा कि, पंजाब के हालात देखने के बाद उन्हें यह साफ समझ आया कि सबसे बड़ा नुकसान किसानों को हुआ है, इसलिए उन्होंने फैसला किया कि बीज, खाद और डीजल की मदद सबसे जरूरी है। इस नेक पहल की अजनाला क्षेत्र के किसानों और गांव के लोगों ने दिल से सराहना की। उन्होंने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की संगत का धन्यवाद किया और सेवा में लगे सभी लोगों को गुरुघर का सिरोपा भेंट कर विशेष सम्मान दिया। वहीं, इकबाल सिंह ने कहा यह केवल आर्थिक मदद नहीं थी, बल्कि उस जज्बे की झलक है, जो दिखाती है कि आपदा चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर साथ हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। गुरुद्वारा कमेटी बाजपुर ने वादा किया है कि जब तक जरूरत है, तब तक संगत की ओर से सहायता पहुंचाई जाती रहेगी। इस पूरे अभियान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भाईचारा, सेवा और गुरमत के सिद्धांत आज भी जिंदा हैं।
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