उत्तराखंड की सरकारी परीक्षा में धांधली का नया ट्रेंड:कैंडिडेट एक-जन्म तिथियां तीन, UP के आरोपी ने खुद को देहरादून का बताकर भरे थे फॉर्म
उत्तराखंड में पेपर लीक और परीक्षा घोटालों के बाद अब एक नया और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। देहरादून पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है, जिसने सहकारी निरीक्षक और वर्ग 2-सहायक विकास अधिकारी की रद्द की गई परीक्षा में तीन अलग-अलग आवेदन किए। हर आवेदन में अलग मोबाइल नंबर, अलग दस्तावेज और अलग जन्मतिथि दिखाई गई। जांच में खुलासा हुआ कि सुरेंद्र कुमार ने पिता के नाम में एक अक्षर बदलकर और उम्र की जानकारी अलग-अलग दर्ज कराकर तीनों आवेदन किए थे। उसका मकसद साफ था – एक ही परीक्षा में अलग-अलग आवेदन करके लाभ उठाना। उसने अपनी वास्तविक जन्मतिथि 1 जनवरी 1995 दिखाई, जबकि अलग-अलग दस्तावेजों में 1 अप्रैल 1988 और 1 जनवरी 1995 भी दर्ज थी। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने आवेदन करते समय देहरादून के बालावाला का पता दिखाया, लेकिन वह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद का रहने वाला है। आरोपी के पास से अलग-अलग शैक्षणिक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि वह परीक्षा में इसका लाभ लेने वाला था। अब पढ़िए आरोपी की धोखाधड़ी की तकनीक यूपी के निवासी ने खुद को देहरादून का बताकर सुरेंद्र कुमार ने तीन अलग-अलग आवेदन किए, हर आवेदन में उसने अलग दस्तावेज और अलग मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया। उसने पिता के नाम में छोटे-छोटे बदलाव किए, ताकि पहचान छुपाई जा सके। अलग-अलग जन्मतिथि वाले दस्तावेजों के जरिए उसने परीक्षा में धोखाधड़ी करने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार यह तरीका पहले देखने में नहीं आया था और इसे धोखाधड़ी का नया ट्रेंड माना जा रहा है। पुलिस और आयोग ने लिया एक्शन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने देहरादून के थाना रायपुर में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने BNS की धारा 318(4), 336(3), 340(2) के तहत कार्रवाई शुरू की। घटना की जांच शुरू होने के कुछ ही घंटों में आरोपी सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से सभी अलग-अलग दस्तावेज और आवेदन भी बरामद हुए। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद यह मामला अन्य परीक्षा धोखाधड़ी की घटनाओं के लिए चेतावनी साबित हो सकता है। पुलिस बोली- हम मामले की और गहनता से जांच कर रहे एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त ने आवेदन करते समय देहरादून के बालावाला का पता दिखाया था, जबकि वह असल में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का रहने वाला है। उन्होंने कहा कि अभियुक्त के पास से अलग-अलग शैक्षणिक दस्तावेज बरामद हुए, जिनमें अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज थी। इससे यह साफ लगता है कि आरोपी परीक्षा में इसका लाभ उठाने वाला था। एसएसपी ने यह भी बताया कि पुलिस और आयोग आगे की कार्रवाई कर रहे हैं और जांच जारी है।
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