इटावा में बासमती चावल का अच्छा उत्पादन:पंजाब में बाढ़ से फसल नुकसान, इटावा से बासमती का 1000 करोड़ का निर्यात संभव

इटावा। इस बार इटावा जिले का बासमती चावल किसानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होने वाला है। कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि जिले से करीब 1000 करोड़ रुपये तक का बासमती चावल निर्यात हो सकता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पंजाब में आई भीषण बाढ़ के चलते बासमती धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि इटावा में इस बार बासमती धान की पैदावार शानदार हुई है। धान की अच्छी फसल के लिए समय से और पर्याप्त वर्षा बेहद जरूरी मानी जाती है। इटावा में इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। जिले में औसतन 553 मि.मीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन 557 मिमी बरसात दर्ज की गई। यानी सामान्य से करीब 104 प्रतिशत बारिश हुई, जो धान की खेती के लिए बेहद लाभकारी साबित हुई। इस समय इटावा जिले में लगभग 70 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हो रही है। कृषि विभाग को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में धान की खेती का क्षेत्रफल बढ़कर एक लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है। खास बात यह है कि यहां की जमीन और मौसम बासमती चावल की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती हैं। पिछले साल इटावा से लगभग 300 करोड़ रुपये का बासमती चावल निर्यात हुआ था। लेकिन इस बार फसल की बेहतरीन पैदावार और पंजाब में हुए नुकसान के चलते मांग ज्यादा रहने की उम्मीद है। ऐसे में इस बार निर्यात का आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
इटावा के उप कृषि निदेशक आर. एन. सिंह ने बताया कि पंजाब की बाढ़ ने वहां की फसल को नुकसान पहुंचाया है, जबकि इटावा के खेतों में बासमती धान की फसल खूब लहराई है। इस बार का उत्पादन किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। उन्हें न केवल अच्छी पैदावार मिली है बल्कि बाजार में भी चावल की कीमत ऊँची रहने की उम्मीद है। इटावा के किसान भी मानते हैं कि इस बार की फसल उनकी तकदीर बदलने वाली है। जिले के एक किसान ने बताया कि पिछले साल जितना मेहनताना मिला था, इस बार उससे कई गुना ज्यादा मिलने की उम्मीद है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार सही दाम पर खरीदी और निर्यात की सुविधा दे, तो इटावा देशभर में बासमती चावल का बड़ा केंद्र बन सकता है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर