आरएसएस का शताब्दी वर्ष- दिबियापुर, सहायल, रामगढ़ में पथ संचलन:कार्यकर्ताओं ने दिखाया एकजुटता और अनुशासन का प्रदर्शन, लगाए जयघोष
दिबियापुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने सौ साल पूरे होने के मौके पर मंगलवार को दिबियापुर,सहायल, रामगढ़ आदि जगहों पर पथ संचलन कार्यक्रम किए। इन कार्यक्रमों में समाज के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। पूरी तरह से भगवा मय हुए माहौल में एकजुटता और अनुशासन का जहां अद्भुत प्रदर्शन दिखा वहीं अतिथियों ने भी समाज को एक साथ जोड़ने का संदेश दिया। दिबियापुर में मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रचारक प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सत्य प्रकाश ने लोगों से शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए आगे आने को कहा। मंगलवार को औद्योगिक नगर दिबियापुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन से गुंजायमान हो उठा।सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में कदमताल करते नजर आए। इस दौरान नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर पथ संचलन का भव्य स्वागत किया।दिबियापुर में हुए पथ संचलन में मुख्य वक्ता सत्य प्रकाश ने लोगों से खास अपील की। उन्होंने कहा, “समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में अधिक सक्रिय योगदान दें।” इसका मतलब है कि हमें समाज की जरूरतों के हिसाब से पढ़ाई और खुद पर निर्भर बनने के लिए और ज्यादा काम करना चाहिए। यहां संघ के स्वयंसेवक अपनी पूरी गणवेश में थे। उनके साथ समाज के बहुत सारे लोग और अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। यह दिखाता है कि समाज के हर हिस्से से लोग इन कार्यक्रमों में जुड़ रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला प्रचारक अनूप , जिला संघ संचालक रणवीर, जिला व्यवस्था प्रमुख हरिश्चंद्र,नगर शारीरिक प्रमुख अनुराग तिवारी,प्रज्ञा प्रवाह से संयोजक मुनीष, नगर कार्यवाह प्रखर ,सह कारवा मयंक,नगर संघ चालक महेंद्र,सौरभ दुबे, योगराज सिंह, डॉ विवेक शर्मा,सुभाष शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे,पूर्व मंत्री लाखन सिंह राजपूत, एससी एसटी आयोग की सदस्य नीरज गौतम, नगर पंचायत अध्यक्ष राघव मिश्रा, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश गुप्ता, डॉ श्याम गुप्ता, श्रद्धा मनु चौहान,चंदरकाति,मनु राजपूत, प्रतिमा अवस्थी,रितु चंदेरिया,रेनू जैन,रुचि त्रिपाठी, सुषमा,ललिता राजपूत आदि की प्रमुख रूप से मौजूदगी रही। प्रमुख मार्गों पर निकला संचलन
दिबियापुर में हुए पथ संचलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया। यहां संचलन का मार्ग लगभग 3 किलोमीटर लंबा रखा गया था, जिसमें सबसे आगे घोष दल और उनके पीछे कतारबद्ध स्वयंसेवक चल रहे थे।आरएसएस का पथ संचलन मुख्य रूप से हिंदुत्व चेतना को जगाने और समाज में एकता और संगठन की भावना को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है। इस पथ संचलन में आरएसएस के कार्यकर्ता और समर्थक एक साथ मिलकर एक निश्चित मार्ग पर चलते हैं और समाज में एकता और संगठन की भावना को बढ़ावा देते हैं। संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में ये कार्यक्रम हुए। इनमें समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग एक साथ आए। कार्यक्रम में आए खास मेहमानों ने समाज को एक सूत्र में पिरोने की बात कही। उनका कहना था कि सभी को मिलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।
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