आजमगढ़ में लेखपाल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के बीच बहस:तहसील परिसर में धरना और नारेबाजी हुई, अधिकारी ने खारिज किया आरोप

आजमगढ़ में बुधवार को तहसील निजामाबाद में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की बैठक के दौरान विवाद पैदा हो गया। मामला तब गरमाया गया, जब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुनील कुमार धनवांता सभा कक्ष में पहुंचे। लेखपाल संघ ने एसडीएम पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर में धरना शुरू कर दिया और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप पाठक ने बताया कि बैठक नियमित रूप से आयोजित हो रही थी और कोई अशांति नहीं थी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने न केवल उन्हें, बल्कि अन्य लेखपालों को भी अपमानित किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उनका कहना था कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का यह व्यवहार निंदनीय है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने खारिज किए आरोप
निजामाबाद के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुनील कुमार धनवांता ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तहसील सभा कक्ष में एक शासकीय बैठक निर्धारित थी। उसी समय लेखपाल संघ ने बिना अनुमति के अपनी बैठक शुरू कर दी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा-मैं जब सभा कक्ष में पहुँचा और मीटिंग के बारे में जानकारी ली, तो लेखपालों ने अनुशासनहीन व्यवहार किया। मैंने केवल इतना कहा कि किसी भी शासकीय कक्ष में मीटिंग करने से पहले अनुमति लेना जरूरी है। मैंने किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तहसील सभा कक्ष का उपयोग बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता। लेखपाल संघ की बैठक बिना परमिशन के आयोजित होने की वजह से उन्होंने मीटिंग को रोकने की कोशिश की। इसी बात को लेकर लेखपाल संघ ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और नारेबाजी की। अधिकारियों और लेखपालों के बीच हुई बहस
धरना प्रदर्शन के दौरान तहसील परिसर में काफी हलचल रही। अधिकारियों और लेखपालों के बीच शब्दों की बहस हुई, लेकिन किसी तरह की हिंसा की सूचना नहीं है।

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