आजमगढ़ की ऐतिहासिक श्रीरामलीला का समापन:लक्ष्मण जी बोले- जीवन जीने की कला सिखाती है, 60 वर्षों से आयोजन हो रहा है

आजमगढ़ के गंभीरपुर थाना क्षेत्र में चल रही श्री रामलीला का समापन हो गया है। 1965 से शुरू हुई यह श्री रामलीला 60 वर्षों से लगातार चल रही है। सबसे खास बात यह है कि श्री रामलीला में स्थानीय कलाकार ही सहभागिता करते हैं और श्री रामलीला के पात्रों का बखूबी मंचन भी करते हैं। गंभीरपुर के रहने वाले पंडित सकलू मिश्रा द्वारा पूर्णिमा के दिन रामलीला मैदान में लगने वाले मेले के दिन रथ पर राम लक्ष्मण सीता की झांकी बनाकर लेकर जाते थे और रावण दहन करने के बाद वापस आते थे। ऐसे में श्री रामलीला के कलाकारों से दैनिक भास्कर ने बातचीत की। आइए जानते हैं कि श्री रामलीला के कलाकारों ने क्या कहा……. जीवन जीने की कला सिखाती है श्रीरामलीला दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए श्री रामलीला में लक्ष्मण का रोल निभाने वाले अर्पित मिश्रा ने बताया कि 2010 से श्री रामलीला में सहभागिता कर रहा हूं। श्री रामलीला जीवन में क्या करना है क्या नहीं करना है। जीवन जीने की कला को सिखाती है। इसके साथ ही भाई का भाई के प्रति प्रेम त्याग भी बताती है। जिस तरह से भगवान श्री राम के बन जाने पर लक्ष्मण जी और भारत जी ने त्याग किया। आज के युग में यह असंभव है। आज भाई-भाई लड़ रहे हैं पर लक्ष्मण जी का त्याग बेमिसाल है। श्री रामलीला के राम बोले हर घर में हो राम जैसा बेटा दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए श्री रामलीला में राम जी की भूमिका निभाने वाले सत्यजीत सिंह ने बताया कि विकेट 10 वर्षों से श्री राम जी का रोल निभा रहा हूं। जब मैं छोटा था तब श्री रामलीला देखने आता था मेरा मानना है कि हर घर में एक राम जैसा बेटा होना चाहिए। मेघनाथ बोले बुराई का नतीजा बुराई दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए मेघनाथ की भूमिका निभाने वाले हेमंत मोदनवाल का कहना है कि जब मैं छोटा था। तब से श्री रामलीला देख रहा हूं विगत 12 वर्षों से मेघनाथ की भूमिका निभाता हूं इस भूमिका के माध्यम से या संदेश देना चाहता हूं की बुराई का नतीजा बुराई ही होती है। राम जी करते हैं रावण का उद्धार दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए श्री रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले किशन गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से रावण ने अत्याचार किया है। ऐसे में इस श्री रामलीला में मैं भी खूब अत्याचार करता हूं पर भगवान श्री राम के द्वारा वध किया जाता है। मुझे बहुत खुशी मिल रही है इस रोल को करने में। हनुमान बोले अधर्म पर धर्म की विजय हुई आजमगढ़ की ऐतिहासिक श्री रामलीला में हनुमान का रोल निभाने वाले अमित मोदनवाल का कहना है कि श्री हनुमान जी का रोल निभा कर मुझे बहुत अच्छा लगता है। इस रोल के माध्यम से मैं यह कहना चाहता हूं कि अधर्म पर धर्म की हमेशा विजय होती है। स्थानीय कलाकार करते हैं प्रतिभाग श्री रामलीला समिति गंभीरपुर मे स्थानीय कलाकार कमेड़ी कलाकार इन्द्र बहादुर चौहान लगभग 60 वर्षो से, राजगीर मिस्त्री का कार्य करने वाले चेतनारायण चौहान लगभग 50 वर्ष से अंगद, नारद, पद्माकर मिश्रा लगभग 40 वर्षो से पहले लक्ष्मण का रोल करते हैं। इस समय व्यास का, पैथलोजी चलाने वाले करुणाकर मिश्रा लगभग 30 वर्षों से पहले राम का अभिनय करते थे। इस समय कैकेई व निषादराज,व्यवसाई अनिलदत्त मिश्रा लगभग 10 वर्षों से इंद्र, महर्षि विश्वामित्र, मिठाई विक्रेता अमित मोदनवाल लगभग 10 वर्षों से हनुमान, किराना व्यापारी किशन गुप्ता लगभग 10 वर्षों से ताड़का और रावण, बड़ा पाँव विक्रेता हेमंत मोदनवाल लगभग 10 वर्षों से मेघनाथ, राहुल पाण्डेय लगभग 6 वर्ष से गुरु वशिष्ठ व खर की भूमिका निभाते हैं। इसके साथ जनसेवा संचालक सत्यजीत सिंह लगभग 10 वर्षों से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, दवा कंपनी मे एम आर का कार्य करने वाले अर्पित मिश्रा लगभग 10 वर्षों से लक्ष्मण, श्रवण गुप्ता लगभग 12 वर्षों से शिव, मामा मारीच, सुसेन वैद्य का अभिनय करते है।

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