आगरा कोर्ट में कंगना रनोट मामले में बहस आज:पिछले साल से चल रहा है केस, पिछली सुनवाई में नहीं बैठे थे जज
आगरा कोर्ट में कंगना रनोट मामले में दोनों पक्षों की बहस आज फिर से सुनी जाएगी। उसके बाद फैसला दिया जाएगा। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आज होने वाली बहस में कंगना रनौत की अधिवक्ता भी मौजूद रहेंगी। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनोट के खिलाफ किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह का वाद दायर है। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज कराने की मांग की गई है। इस मामले में आगरा में स्पेशल जज MP-MLA लोकेश कुमार की कोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है। आज कोर्ट यह तय कर सकता है कि क्या कंगना रनोट पर लगे आरोप सही हैं या नहीं? क्या उन पर केस चलना चाहिए? बता दें कि वकील रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को कंगना रनोट के खिलाफ अदालत में राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाकर वाद दायर किया था। आरोप लगाया था कि कंगना ने 26 अगस्त 2024 को एक इंटरव्यू में किसानों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिससे उनकी और लाखों किसानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। 20 सितंबर को हुई सुनवाई में वादी और विपक्षी दोनों पक्षों की ओर से मौखिक बहस कोर्ट में सुनाई गई थी। इससे पहले की डेट में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस कोर्ट में पेश की थी। वादी राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह, अनूप शर्मा, बीएस फौजदार, उमेश जोशी, सुमंत चतुर्वेदी, सुरेंद्र लखन सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी अपने-अपने तर्क रखे थे। कंगना की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिनव झा और स्थानीय सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मोहित पाल ने भी अपने तथ्यों को रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 30 सितंबर की डेट दी थी। कंगना आज तक कोर्ट में पेश नहीं हुई हैं, उनको 6 समन जारी हो चुके हैं।
कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए
24 अगस्त 2024 को कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान दैनिक भास्कर से कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए। बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी। इसके बाद उनके खिलाफ आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाया कि कंगना के बयान से किसानों की भावनाएं आहत हुईं
एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा- मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। रमाशंकर शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया- 27 अगस्त को मैंने समाचार पत्रों को पढ़ा। इसमें लिखा था कि कंगना ने कहा, अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया। 7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चाटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। इसका मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो बेकार है। इस तरह कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी हैं कंगना 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं
किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसमें उन्होंने एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी हैं। यह शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध हैं। (खबर अपडेट की जाएगी)
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/DtX2Zxb
Leave a Reply