आगरा कोर्ट में कंगना रनोट मामले में सुनवाई आज:कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनी जाएगी बहस, पिछले साल से चल रहा है मामला

आगरा कोर्ट में मंडी क्षेत्र से भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनोट मामले में आज सुनवाई होगी। कंगना रनोट के विरुद्ध किसानों के अपमान एवं राष्ट्रद्रोह के मामले में स्पेशल जज एमपी एमएलए लोकेश कुमार की कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस सुनी जाएगी। इस मामले में रिवीजन कर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा कोर्ट से पूर्व तिथि पर लिखित बहस दाखिल कर दी गई थी। संविधान से संबंधित कुछ तथ्य फेहरिस्त के साथ प्रस्तुत कर दिए गए थे। पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनुसूया चौधरी की ओर से भी लिखित बहस प्रस्तुत कर दी गई थी। जिस पर आज बहस होगी। पहले जानिए पूरा मामला
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 24 को कंगना रनोट के खिलाफ अदालत में राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाकर वाद दायर किया था। आरोप लगाया था कि सांसद कंगना रनोट ने 26 अगस्त 2024 को दिए बयान में किसानों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिससे उनकी और लाखों किसानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। अधीनस्थ न्यायालय ने खारिज कर दिया था। वादी ने आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में रिवीजन प्रस्तुत किया था। कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए
24 अगस्त 2024 को कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान दैनिक भास्कर से कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए। बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी। इसके बाद उनके खिलाफ आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाया कि कंगना ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगे। कंगना के बयान से किसानों की भावनाएं आहत हुईं
एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा-मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। रमाशंकर शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया- 27 अगस्त को मैंने समाचार पत्रों को पढ़ा। इसमें लिखा था कि कंगना ने कहा, अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया। 7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चाटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। इसका मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो बेकार है। इस तरह कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी हैं कंगना 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसमें उन्होंने एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी हैं। यह शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध हैं।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर