असिस्टेंट मैनेजर 5 साल से चला रहा था सॉल्वर गैंग:सहकर्मियों को शामिल किया, फार्म भरते ही अभ्यर्थियों को करते थे टारगेट
लखनऊ की बिजनौर पुलिस ने इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) क्लर्क एग्जाम में सेंध लगाने वाले सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड समेत 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गैंग का मास्टरमाइंड असिस्टेंट बैंक मैनेजर आनंद कुमार है। वह बैंककर्मियों और अन्य सदस्यों के साथ मिलकर 5 साल से गैंग चला रहा था। IBPS और बैंकों के अन्य एग्जाम में आवेदन करते समय ही गैंग सक्रिय हो जाता था। दलाल के जरिए अभ्यर्थियों को झांसे में लेकर परीक्षा पास कराने के नाम पर उनसे लाखों रुपए ऐंठता था। 5 सालों में गैंग ने कितने अभ्यर्थियों के साथ ठगी की है यह पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती साबित होगी। पहले जानिए कैसे करते थे ठगी… 5 लाख 20 हजार में होती थी डील डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि आनंद कुमार, गौरव आदित्य, हर्ष जोशी, भागीरथ शर्मा, सुधांशु कुमार, धनंजय कुमार सौरभ, राजीव नारायण पांडे, मुकेश कुमार, आशीष रंजन और अभिषेक को गिरफ्तार किया गया है। सरगना आनंद कुमार है। मुकेश, आशीष रंजन, धनंजय और भगीरथ के साथ गैंग के मुख्य सदस्य हैं। गैंग एक अभ्यर्थी को पास कराने के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए में सौदा करता था। इनमें 2 लाख आनंद के होते थे। पहली परीक्षा में बैठने वाले को 20 हजार देते थे। उसको पास करने के बाद मेन एग्जाम में बैठने वाले को एक लाख रुपए मिलते थे। बाकी बचे रुपए अन्य लोगों में बंट जाते थे। कैसे दूसरे अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर को बैठाते थे अभ्यर्थी और सॉल्वर की फोटो को फेस मिक्सिंग एप (MIXX GRINDR REMINI AI, CHAT GPT, FOTOR) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके दो चेहरों को 70 फीसद एक जैसा बना देते थे। उसी फोटो का इस्तेमाल कर आवेदन करते थे। अन्य फर्जी दस्तावेज भी तैयार करते थे। मिक्सिंग वाली फोटो एडमिट कार्ड में भी लग कर आती थी। सॉल्वर जब एडमिट कार्ड लेकर परीक्षा देने जाता था, तो परीक्षा केंद्र पर फोटो मिलान के दौरान भी पकड़ में नहीं आता था। अब जानिए कब बना गैंग और कैसे काम करता था… बैंक असिस्टेंट मैनेजर ने 5 साल पहले तैयार किया गैंग गैंग का सरगना आनंद कुमार असिस्टेंट मैनेजर यूपी ग्रामीण बैंक खबूपुरा संभल में तैनात है। आनंद को बैंक सेक्टर की काफी नॉलेज है। उसने भी काफी एग्जाम दिए थे, जिसके चलते उसने 5 साल पहले उसने बैंक की परीक्षा में दूसरे अभ्यर्थी को बैठाकर एग्जाम दिलाने का गैंग तैयार किया। सॉल्वर इसलिए भी मिल जाते थे, क्योंकि वह बैंकिंग सेक्टर में है, तो तैयारी करने वाले स्टूडेंट भी संपर्क रहते थे। पुलिस के लिए ये पता लगाना चुनौती है कि अब तक कितने लोगों को परीक्षा में पास कराकर नौकरी ज्वाइन करवा चुका है। सहकर्मियों को किया शामिल पुलिस की पूछताछ में आया है कि आनंद कुमार ने गैंग में बैंककर्मियों और स्केल -1 के ऑफिसर को जोड़ा। इन लोगों को IBPS और बैंक के अन्य एग्जाम की जानकारी थी। दो राउंड में होने वाले एग्जाम को कैसे क्वालीफाई करना है, इसकी जानकारी थी। एग्जाम आने से पहले सभी तैयारी में लग जाते थे। सभी के काम बंटे हुए थे। फॉर्म से लेकर फाइनल इंटरव्यू तक कौन क्या करेगा ये तय था। 5 सॉल्वर समेत 10 की तलाश में दबिश एसीपी कृष्णानगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि गिरोह के सदस्यों में सॉल्वर रोहित कुमार निवासी पटना (दलाल), योगेंद्र कुमार निवासी गया बिहार, शिव कुमार निवासी जहानाबाद बिहार के अलावा योगेन्द्र कुमार और आकाश दीप समेत 10 लोग फरार हैं। उनकी तलाश में पुलिस की चार टीमें दबिश दे रही हैं। आरोपियों के संबंध में बिहार पुलिस से भी संपर्क किया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। —————– संबंधित खबर भी पढ़िए… लखनऊ में बैंक मैनेजर चला रहा सॉल्वर गैंग:AI से फर्जी ID-आधार कार्ड बनाते, 5 लाख में डील करते; 10 गिरफ्तार लखनऊ पुलिस ने अंतरराज्यीय सॉल्वर गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग CHAT-GPT और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से अभ्यर्थी के फोटो को सॉल्वर की फोटो से मिक्स कर नया फोटो बना लेते थे। नए फोटो से फर्जी आईडी और आधार कार्ड बनाते थे। पूरी खबर पढ़ें
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