अली से मिलने पहुंचा था अतीक का सबसे छोटा बेटा…VIDEO:नैनी जेल में जाते दिखा अबान, फिर अली को झांसी जेल किया गया शिफ्ट

24 फरवरी, 2023 को प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक का साम्राज्य ढह गया। देश-प्रदेश में छापेमारी शुरू हुई तो अतीक के चौथे और पांचवे नंबर के बेटे अहजम और अबान (तब नाबालिग) को पुलिस ने बाल गृह में रख दिया था। इसके बाद 15 अप्रैल, 2023 प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या हो गई। तब भी अतीक के बेटे अहजम और अबान बाल गृह में ही रहे। वह पिता और चाचा के जनाजे में शामिल नहीं हो सके थे। इसके बाद अहजम और अबान बाल गृह से निकल कर पुलिस सुरक्षा में घर पहुंच गए। तब से लेकर अभी तक यह दोनों शहर में नहीं देखे गए। दोनों गुमनाम जिंदगी ही जी रहे हैं। नैनी जेल मे जाते समये 15 सेकेंड का VIDEO सामने आया अब अतीक के सबसे छोटे बेटे अबान का वीडियो सामने आया है। वह 17 सितंबर को नैनी सेंट्रल जेल में बंद अपने भाई अली से मिलने पहुंचा था। इसके बाद अली को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी शिफ्ट कर दिया गया। तीन कारों के काफिले के साथ अबान दोपहर 2. 30 बजे नैनी सेंट्रल जेल पहुंचा था। अब 2 तस्वीरें देखिए… बदला-बदला नजर आया अबान अबान के हाव भाव पूरी तरह बदल चुके हैं। दो सालों में अबान काफी मोटा हो गया है। उसने हलकी दाढ़ी रख ली है। शर्ट, जींस और स्पोर्ट्स शू पहने अबान सफेद अंगोछा लेकर पहुंचता है। वीडियो फोटो न बने इसलिए वह अंगोछे से अपने चेहरे को ढकते हुए जेल गेट की तरफ बढ़ता है। उसके साथ वकील भी पहुंचते हैं, जो वीडियो बनाने वाले को मना करते हैं कि ऐसा न करें। अबान के जेल जाकर अली से मिलने के 12 दिन बाद ही अली को केंद्रीय कारागार नैनी से हटाकर झांसी भेज दिया गया। इसे लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। नैनी सेंट्रल जेल में अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। उसे किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं थी। महज अली का वकील महीने में एक बार मिल सकता था। परिवार के सदस्यों को भी मिलने नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में अचानक अबान का जेल पहुंचना, अली से मुलाकात करना और इसके बाद अली के जेल का बदला जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। वहीं अली का भी झांसी जेल के बाहर से बयान आया जो खास तौर पर चर्चा में है। अतीक के पांच बेटे माफिया अतीक के पांच बेटों में उमर लखनऊ जेल में है। अली को झांसी जेल शिफ्ट किया गया है। तीसरे नंबर के बेटे असद का एनकाउंटर झांसी में हुआ था। इसके बाद अहजम और अबान हैं। अहजम की हालिया तस्वीरें अब तक सामने नहीं आई हैं। अली के जेल से शिफ्ट होने की कहानी पढ़िए… माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां उसने मीडिया से कहा, मैं तो दिल्ली में लॉ कर रहा था। फर्जी मुकदमे लगाकर मुझे जेल भेज दिया गया। जेल में रहते हुए मेरे ऊपर 8 मुकदमे लगा दिए गए। अली ने अपनी जान को खतरा बताया। कहा, ये मेरा अल्लाह जानता है कि यहां सुरक्षित रहेंगे कि नहीं? मुख्यमंत्रीजी से यही कहना है कि जो होना था, वो हो गया। लेकिन सरकार के नाम पर कुछ लोग मुझे अन्यथा परेशान कर रहे हैं, उनसे हमें बचा लीजिए। मुझे बेवजह सताया जा रहा है। मुझे रास्ते में पानी पीने तक नहीं दिया गया। 38 महीने से नैनी जेल में था अली
अली नैनी जेल में 38 महीने से बंद था। उसने 30 जुलाई, 2022 को प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था। गिरफ्तारी के बाद पहली बार अली मीडिया से बात कर पाया है। पुलिसवालों ने भी इतनी ढिलाई बरती कि वह अपनी बात मीडिया के सामने रख सके। अली ने सिर पर कैप लगा रखी थी। चेहरे पर अपने पिता की तरह मूछें बढ़ा ली है। झांसी जेल काफी संवेदनशील मानी जाती है। यहां माफिया मुख्तार अंसारी लंबे समय तक बंद रहा है, बाद में उसकी बांदा जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मुख्तार का कभी राइट हैंड रहा मुन्ना बजरंगी भी इस जेल में बंद रहा था। झांसी जेल से बागपत उसे शिफ्ट किया गया था, वहां उसकी हत्या कर दी गई थी। अब विस्तार से पढ़िए… अली ने कहा, मैं नैनी सेंट्रल जेल में पूरे नियम कायदे के साथ रह रहा था। लेकिन परेशान करने के मकसद से मुझे प्रयागराज से दूर झांसी भेजा गया। रास्ते में बहुत दिक्कत हुई है। गाड़ी के इतने छोटे से चैंबर में 5 से 6 लोगों को बैठाकर ले आया गया। मुझे होम डिस्ट्रिक से यहां भेजने का क्या मतलब है? रास्ते में मुझे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। नैनी सेंट्रल जेल में अधिवक्ताओं के सिवाय मुझसे कोई भी मिलने नहीं आता था। नैनी जेल में कैश मिलने के सवाल पर अली ने कहा- वो कूपन के लिए पैसा आया था। वो तो जेल में अलाउड है। अब उसे किसी दूसरे तरीके से दिखाया जा रहा है। अधिवक्ताओं के रूप में जो लोग मुझसे मिलने आते थे उनका वकालतनामा लगा होता था। जेल मैन्युअल के अनुसार मेरी मुलाकात होती थी। तन्हा बैरक में अली को रखा जाएगा
बुधवार दोपहर अली करीब तीन बजे झांसी जेल पहुंचा। यहां मीडिया कर्मियों का भारी जमावड़ा था। किसी तरह पुलिसकर्मी जेल का गेट खोलकर उसे भीतर ले गए। जेल के भीतर पहले उसकी आमद कराई गई। इसके बाद तलाशी लेकर भीतरी सेल में ले जाया गया। अभी उसे तन्हा बैरक में रखा जाएगा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार के मुताबिक जेल नियमों के तहत ही उसे सेल के अंदर रखा जाएगा। हाई सिक्योरिटी में झांसी जेल भेजा गया अली पुलिस बुधवार सुबह 6.10 बजे अली को नैनी से लेकर झांसी जेल के लिए निकली थी। काफिले में लगभग 20 सशस्त्र पुलिसकर्मी, चार क्यूआरटी सदस्य और एक PAC दस्ते को भी शामिल किया गया था। अली ने 420 किमी की दूरी करीब 9 घंटे में पूरी की। प्रयागराज के प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने के आरोप में 30 जुलाई 2022 से अली नैनी जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद था। उसका नाम उमेश पाल हत्याकांड में भी आया है। जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया- शासन के आदेश पर जेल बदली गई है। नैनी जेल में अली का चर्चित कारनामा पढ़िए… अली की बैरक से कैश बरामद हुए
17 जून, 2025 को अली की बैरक से कैश बरामद हुए थे। हालांकि, कितने रुपए थे, ये स्पष्ट नहीं हो सका था। इसके बाद जेल प्रशासन में खलबली मच गई और तत्काल प्रभाव से डिप्टी जेलर कांति देवी और एक हेड वार्डर को निलंबित कर दिया गया था। घटना के बाद अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया और लखनऊ स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से उसकी निगरानी शुरू हो गई। कैश मिला तो अली को ‘फांसी घर’ भेजा गया
अली की बैरक में कैश मिलने के बाद उसी दिन उसे नैनी सेंट्रल जेल की ‘फांसी घर’ वाली हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया गया था। नैनी सेंट्रल जेल के अंदर बना ‘फांसी घर’ अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। साल-1970 से यह वीरान पड़ा है। कभी यहां पर फांसी देने वाले बंदियों को एक दिन पहले लाकर बंद किया जाता था। इस ‘फांसी घर’ में कुल 14 लोगों को फांसी दी गई है। फांसी की सजा पर रोक के बाद अब यह हिस्सा कम ही इस्तेमाल होता है। लेकिन, इस हाई सिक्योरिटी बैरक में अहम कैदियों को रखा जाता है। कई बार ऐसे कैदी, जो साथियों पर हंगामा करते हैं, उन्हें यहां बंद किया जाता है। उमेश पाल हत्याकांड का भी आरोपी है अली
अली प्रदेश की सनसनी बने उमेश पाल हत्याकांड का भी आरोपी है। पुलिस का दावा है कि इस घटना की साजिश में वह शामिल था। नैनी जेल में रहते हुए ही उसने अपने छोटे भाई असद और परिवार के अन्य लोगों से मिलकर उमेश की हत्या की साजिश रची। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी, 2023 को प्रयागराज में उनके घर के बाहर गोली मारकर और बम से हमला करके की गई थी। इस मामले में उसका बड़ा भाई उमर भी आरोपी है, जो लखनऊ जेल में बंद है। जबकि तीन अन्य आरोपी छोटा भाई असद, पिता अतीक और चाचा अशरफ मारे जा चुके हैं। एक वक्त नैनी जेल में लगता था अतीक का दरबार नैनी सेंट्रल जेल कभी माफिया अतीक-अशरफ का सबसे मुफीद पनाहगाह हुआ करती थी। योगी सरकार आने से पहले नैनी जेल में अतीक का दरबार लगता था। अतीक और अशरफ ने ही गैंग मेंबरों के लिए जेल में बैडमिंटन कोर्ट तक बनाया गया था। माफिया के लिए बैरक के बाहर किचन तैयार हुआ था, जहां डेग में खाना बनता था। यह खाना अन्य कैदियों को भी खिलाया जाता था। सुबह से जेल परिसर के मशहूर चबूतरे पर अतीक बैठकर जनसुनवाई की तरह लोगों की समस्याएं सुनता था। जेल से ही फोन पर निर्देश जारी होते थे। ——————— ये खबर भी पढ़िए- यूपी में चल रहे अफ्रीकन-रशियन गर्ल्स के सेक्स रैकेट: स्पा सेंटर्स में एक्स्ट्रा सर्विस के नाम पर कस्टमर्स फंसा रहे; देखें स्टिंग अफ्रीकन… रशियन… थाई… ये लड़कियां जिस्मफरोशी के लिए खुद की नुमाइश कर रही हैं। यूपी में स्पा सेंटर की आड़ में इंडियन और थाई गर्ल्स से वैश्यावृत्ति कराना आम बात है। अब इन स्पा सेंटरों में काम्पिटिशन इतना बढ़ गया कि ये कस्टमर्स को फंसाने के लिए अफ्रीकन और रशियन गर्ल्स का सेक्स रैकेट चला रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने 20 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, सिलसिलेवार पूरा खुलासा…

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